Ghaziabad fake embassy:गाजियाबाद की एक पॉश कॉलोनी में चल रहे फर्जी दूतावास का भंडाफोड़ नोएडा एसटीएफ ने किया है। कार्रवाई के दौरान पकड़े गए आरोपी हर्ष वर्धन जैन खुद को West Arctica, Saborga, Poulvia और Lodonia जैसे काल्पनिक देशों का एंबेसडर बताकर लोगों को विदेश भेजने और नौकरी दिलाने के नाम पर ठगता था। वह फर्जी डिप्लोमैटिक पासपोर्ट, विदेश मंत्रालय की नकली मुहरें, और वीआईपी हस्तियों के साथ मॉर्फ की गई तस्वीरें दिखाकर खुद को असली राजदूत साबित करता था।
यह फर्जी दूतावास Ghaziabad के कविनगर इलाके की एक आलीशान कोठी में चल रहा था। यहां West Arctica Embassy के नाम से बोर्ड लगा था और चार लग्जरी गाड़ियों पर डिप्लोमैटिक नंबर प्लेट लगी हुई थीं। पुलिस को जांच के दौरान कुल 12 फर्जी डिप्लोमैटिक पासपोर्ट, विदेश मंत्रालय की नकली मुहरें, 34 अलग-अलग कंपनियों और देशों की मोहरें, दो फर्जी प्रेस कार्ड, दो पैन कार्ड, 44.7 लाख रुपये नकद और कई देशों की विदेशी मुद्रा मिली है।
एसटीएफ के अनुसार, हर्ष वर्धन हवाला ट्रांजैक्शन में भी लिप्त था। वह शेल कंपनियों के माध्यम से देश-विदेश में पैसे का अवैध लेन-देन करता था। प्रारंभिक जांच में यह भी सामने आया है कि उसका जुड़ाव पहले भी विवादित व्यक्तियों से रहा है। 2011 में वह अवैध सैटेलाइट फोन रखने के मामले में पकड़ा गया था, और उसका नाम चंद्रास्वामी व अंतरराष्ट्रीय हथियार डीलर अदनान खगोशी जैसे लोगों से भी जुड़ चुका है।
हर्ष वर्धन सोशल मीडिया और वेबसाइट्स के माध्यम से अपनी फर्जी पहचान का प्रचार करता था। प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति और अन्य प्रमुख नेताओं के साथ फोटोशॉप की गई तस्वीरों के जरिए वह लोगों का भरोसा जीत लेता था। फिर विदेश में नौकरी, दस्तावेज बनवाने या राजनयिक संबंधों के नाम पर मोटी रकम वसूलता था।
फिलहाल, कविनगर थाने में एफआईआर दर्ज कर आरोपी से पूछताछ की जा रही है। पुलिस यह जानने की कोशिश कर रही है कि इस नेटवर्क में और कौन-कौन लोग शामिल हैं और अब तक कितने लोगों को ठगा गया है। एसटीएफ यह भी जांच कर रही है कि हवाला के जरिए कितने करोड़ों की लेन-देन हुई है। यह मामला राजनयिक धोखाधड़ी, फर्जीवाड़ा और हवाला रैकेट का संगीन उदाहरण बनकर सामने आया है।