Gorakhpur: मछली खरीद को लेकर हाईवे पर मचा बवाल, आधे घंटे तक चला हंगामा

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Gorakhpur Viral: गोरखपुर के पीपीगंज में सावन समाप्त होते ही मछली खरीदने के विवाद ने ऐसा रूप ले लिया कि नेशनल हाइवे पर जाम लग गया और पूरा इलाका अफरा-तफरी में बदल गया। शनिवार शाम, बाजार में स्थित एक मछली की दुकान पर 33 वर्षीय मुकेश कुमार चौहान (निवासी कोल्हुई) और 23 वर्षीय रितिक चौहान (निवासी भगवानपुर) पहुंचे। दोनों ने एक साथ 5-5 किलो मछली की मांग की, लेकिन दुकानदार के पास केवल 4 किलो मछली थी। पहले आए युवक ने मछली खुद को देने की जिद की, जबकि दूसरा युवक भी अपनी बात पर अड़ा रहा।

दुकानदार ने विवाद सुलझाने की कोशिश करते हुए 2-2 किलो मछली बांटने का सुझाव दिया, मगर किसी ने मानने से इंकार कर दिया। मामूली कहासुनी जल्द ही गाली-गलौज और हाथापाई में बदल गई। देखते ही देखते दोनों युवक सड़क पर गुत्थमगुत्था हो गए। उनके साथियों ने भी इस झगड़े में हिस्सा लिया और मामला बढ़ता चला गया। लात-घूंसे चलने लगे, कपड़े फट गए और लोग बीच सड़क पर एक-दूसरे को दौड़ाकर मारने लगे।

लगभग आधे घंटे तक यह हाई वोल्टेज ड्रामा चलता रहा। इस दौरान हाईवे के दोनों ओर लंबा जाम लग गया। राहगीर और स्थानीय Gorakhpur लोग घटनास्थल पर रुककर तमाशा देखते रहे और अपने मोबाइल फोन से वीडियो बनाते रहे। आश्चर्यजनक रूप से, किसी ने भी झगड़ा रोकने की कोशिश नहीं की।

जाम और मारपीट की सूचना मिलने पर स्थानीय पुलिस चौकी से टीम मौके पर पहुंची। हालात को काबू में करने के लिए अतिरिक्त फोर्स बुलाई गई। Gorakhpur पुलिस ने दोनों मुख्य आरोपियों को हिरासत में लेकर थाने पहुंचाया और शांति भंग की धाराओं में चालान कर दिया। थाना प्रभारी प्रभु दयाल सिंह ने बताया कि दोनों को सोमवार को कोर्ट में पेश किया जाएगा।

Gorakhpur पुलिस का कहना है कि इस झगड़े में शामिल अन्य युवकों की पहचान की जा रही है और उनकी तलाश जारी है। मामले की गंभीरता को देखते हुए सीसीटीवी फुटेज और वायरल वीडियो की भी जांच हो रही है। अधिकारियों ने साफ किया कि सार्वजनिक स्थान पर इस तरह का हंगामा कानूनन अपराध है और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

यह घटना न केवल स्थानीय बाजार की चर्चा बन गई, बल्कि सोशल मीडिया पर भी तेज़ी से वायरल हो गई है। लोग इसे “मछली के लिए जंग” और “WWE स्टाइल मारपीट” कहकर शेयर कर रहे हैं। सावन खत्म होते ही मांस-मछली की दुकानों पर भीड़ लगना आम बात है, लेकिन इस तरह का बवाल पुलिस और प्रशासन के लिए भी चौंकाने वाला है।

इस पूरे प्रकरण ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि छोटी-सी बात पर हिंसा करने की प्रवृत्ति क्यों बढ़ रही है और आम जनता कब तक इस तरह की घटनाओं को तमाशे की तरह देखती रहेगी।