Hathras में भाजपा MLC के बेटे ने ट्रैफिक पुलिस से की बदसलूकी, गाड़ी हटाने से किया इंकार

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Hathras

Hathras BJP MLC son: उत्तर प्रदेश के Hathras जिले में सोमवार दोपहर एक विवादास्पद घटना सामने आई, जिसमें भाजपा के अलीगढ़ से विधान परिषद सदस्य (MLC) ऋषिपाल सिंह के बेटे चौधरी तपेश ने ट्रैफिक पुलिसकर्मी से अभद्रता की। घटना उस वक्त हुई जब तपेश की गाड़ी हाईवे के किनारे खड़ी थी और उससे ट्रैफिक जाम लग गया था। मौके पर तैनात ट्रैफिक पुलिसकर्मी एसपी सिंह ने उनसे गाड़ी हटाने को कहा, लेकिन चौधरी तपेश ने खुद को विधायक का बेटा बताकर पुलिसकर्मी से दुर्व्यवहार किया और गाड़ी हटाने से साफ मना कर दिया।

घटना सासनी कोतवाली क्षेत्र के पास एक चौराहे पर हुई, जहां तपेश की महिंद्रा स्कॉर्पियो गाड़ी (जिस पर विधायक लिखा हुआ था और भाजपा का झंडा भी लगा था) सड़क के किनारे खड़ी थी। गाड़ी के कारण वहां जाम लगने लगा था, जिससे ट्रैफिक पुलिसकर्मी ने कार्रवाई की। पुलिसकर्मी ने जब गाड़ी हटाने को कहा तो तपेश भड़क गया और पुलिसकर्मी से बोला, “चल हट, भाग यहां से।” इसके बाद दोनों के बीच कहासुनी और नोकझोंक हो गई।

इस पूरे विवाद का वीडियो भी सामने आया है, जिसमें पुलिसकर्मी युवकों को समझाने की कोशिश करते दिख रहे हैं और गाड़ी को जाम लगाने के लिए जिम्मेदार ठहराते हैं। पुलिसकर्मी ने साफ कहा कि पुलिस भी पढ़ी-लिखी होती है और बातचीत का तरीका जानती है, लेकिन युवक ने अपनी स्थिति का फायदा उठाते हुए अभद्रता की। पुलिसकर्मी ने कहा कि ऐसे व्यवहार से न सिर्फ वे खुद बल्कि उनके पिता का नाम भी बदनाम होता है।

मामले की गंभीरता को देखते हुए Hathras पुलिस ने इसकी जांच शुरू कर दी है। हाथरस के एएसपी अशोक कुमार सिंह ने बताया कि वीडियो वायरल होने के बाद मामले का संज्ञान लिया गया है। जांच रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। फिलहाल, पुलिस ने किसी भी पक्ष से आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं मिली है।

यह घटना राजनीतिक पदों से जुड़े लोगों के व्यवहार और कानून व्यवस्था पर सवाल उठाती है। राजनीतिक प्रभाव का दुरुपयोग कर पुलिसकर्मियों से अभद्र व्यवहार करने की यह घटना प्रशासन के लिए चुनौती साबित हो सकती है।

आगे देखना होगा कि पुलिस इस मामले में क्या कार्रवाई करती है और क्या यह उदाहरण बनेगा कि कानून सबके लिए बराबर है। हाथरस में यह घटना इलाके में पुलिस और राजनीतिक प्रभाव के बीच संबंधों को लेकर भी चर्चा का विषय बनी हुई है।

इस पूरे विवाद से यह भी स्पष्ट होता है कि ट्रैफिक नियमों का पालन हर किसी के लिए जरूरी है, चाहे वह आम नागरिक हो या किसी राजनीतिक परिवार से संबंध रखता हो।