Sitapur transformer dispute: सीतापुर जिले के हरगांव थाना क्षेत्र के कोरैया उदनापुर गांव में करीब 15 दिनों से ट्रांसफार्मर खराब पड़ा था, जिससे ग्रामीण अंधेरे में जीने को मजबूर थे। ग्रामीणों की शिकायतें लगातार बिजली विभाग तक पहुंच रहीं थीं, लेकिन किसी ने संज्ञान नहीं लिया। जब समस्या ज्यादा बढ़ गई, तो हरगांव सीट से भाजपा विधायक और कारागार राज्य मंत्री सुरेश राही ने स्वयं मामले में दखल दिया।
मंत्री ने जब संबंधित Sitapur अधिकारियों से बात करने की कोशिश की तो उन्हें कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिला। मध्यांचल विद्युत निगम की एमडी रिया केजरीवाल तक मंत्री का फोन नहीं उठाया गया। इसके बाद नाराज मंत्री ने पिकअप और रस्सी की मदद से ग्रामीणों को साथ लेकर खुद ट्रांसफार्मर उतारने की पहल की। इसी बीच हरगांव पावर हाउस के जूनियर इंजीनियर रमेश मिश्रा से फोन पर बातचीत हुई, जिसमें JE ने मंत्री से अपशब्दों में बात करते हुए कहा, “आप खुद आकर ट्रांसफार्मर बदल लीजिए।”
इस व्यवहार से आहत मंत्री सुरेश राही ने मौके पर ही धरना देने की चेतावनी दी। इसके बाद एक्सईएन संजीव मिश्रा भी मौके पर पहुंचे और स्थिति को संभालने की कोशिश की। लेकिन तब तक यह मामला वायरल हो चुका था और सोशल मीडिया पर मंत्री की सक्रियता और JE के रवैये की तीखी आलोचना होने लगी।
ऊर्जा मंत्री अरविंद कुमार शर्मा ने जब वायरल वीडियो और घटना की जानकारी ली, तो उन्होंने इसे गंभीरता से लेते हुए तत्काल JE रमेश मिश्रा को निलंबित कर दिया। ऊर्जा मंत्री ने कहा कि यह व्यवहार न केवल जनप्रतिनिधि के प्रति असम्मानजनक है, बल्कि आम जनता की समस्याओं के प्रति पूरी तरह से असंवेदनशीलता भी दर्शाता है। उन्होंने यह भी जोड़ा कि इस प्रकार की लापरवाही और अभद्रता बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
इसके साथ ही यूपी पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड (UPPCL) के चेयरमैन और मध्यांचल विद्युत निगम की एमडी को निर्देश दिए गए हैं कि भविष्य में ऐसी घटनाएं न दोहराई जाएं। पूरे विभाग में जवाबदेही तय करने के भी निर्देश दिए गए हैं।
ऊर्जा मंत्री ने साफ चेतावनी दी है कि किसी भी कर्मचारी द्वारा जनता या जनप्रतिनिधियों के साथ अशोभनीय व्यवहार करने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। यह Sitapur घटना प्रदेश में बिजली विभाग की कार्यप्रणाली और जवाबदेही को लेकर एक मिसाल बन गई है, जिससे बाकी अधिकारियों और कर्मचारियों को भी सबक लेने की जरूरत है।