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Thursday, October 23, 2025
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    Jpnic: लो कर लो बात ! दुर्दांत अपराधियों पर बरसने वाली ब्यूरोक्रेसी बरसाती कीड़ों के आगे बेबस

    LDA बोला-जेड प्लस सिक्योरिटी वाले अखिलेश जी को खतरा

    राहुल शर्मा

    Lucknow(यूपी)। देश का सबसे बड़ा राज्य। देश की सबसे बड़ी ब्यूरोक्रेसी। कई मायनों में देश के सभी राज्यों को पीछे छोड़ने वाला उत्तर प्रदेश। यहां का प्रशासन इतना बेबस है कि जेड प्लस सिक्योरिटी वाले राजनेता को बरसाती कीड़ों से महफूज नहीं रख पा रहा। ये हम नहीं कह रहे बल्कि अपनी इस नाकामी को खुद ब्यूरोक्रेसी ने ही स्वीकार किया है। जय प्रकाश नारायण की जयंती पर लखनऊ के jpnic (जय प्रकाश नारायण इंटरनेशन सेंटर) में समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव को महज इसलिए श्रद्धांजलि देने की अनुमति नहीं दी गई क्योंकि LDA(लखनऊ विकास प्राधिकरण) बरसाती जीव-जंतुओं से उन्हें सुरक्षा देने में अपनी विफलता को लखनऊ खुद-ब-खुद स्वीकार कर रहा है।

    ये लाचारी या कुछ और…

    लखनऊ विकास प्राधिकरण के सचिव की ओर से समाजवादी पार्टी द्वारा अवगत कराए गए अखिलेश यादव के श्रद्धांजलि कार्यक्रम की जानकारी के जवाब में एक पत्र भेजा गया है। इस पत्र में एलडीए ने जहां jpnic को निर्माणाधीन परियोजना बताया है, वहीं कहा है कि यहां निर्माणाधीन सामग्री रखे होने और बरसाती मौसम होने की वजह से अवांछित जीव-जन्तु पाए जाने की संभावना है। इस कारण जेड प्लस श्रेणी की सुरक्षा प्राप्त अखिलेश यादव का माल्यार्पण और भ्रमण का कार्यक्रम उपयुक्त नहीं है।

    क्या जेड प्लस सुरक्षा पर खड़ा किया सवाल ?

     

    लखनऊ विकास प्राधिकरण का ये पत्र सुबह से ही वायरल हो रहा है। लेकिन इस पत्र ने ये साफ कर दिया है कि अवांछनीय जीव-जन्तु और कीड़ों से जेड प्लस सुरक्षा में तैनात सुरक्षा कर्मी क्या अखिलेश यादव को नहीं बचा सकते। सवाल लखनऊ विकास प्राधिकरण की कार्यशैली पर भी खड़ा होता है और देश के सबसे बड़े सूबे की राजधानी लखनऊ के उन विभागों की कार्यशैली पर भी जो लखनऊ को स्मार्ट सिटी बताते हैं और समय-समय पर अपनी व्यवस्थाओं के जरिये तरह-तरह की कवायदों के दावें करते हैं।

    अखिलेश यादव ने जताया विरोध

    गौरतलब है कि बीते साल भी अखिलेश यादव को माल्यार्पण से रोका गया था। देर रात भी इस कोशिश की जानकारी मिलने पर अखिलेश यादव ने jpnic पहुंचकर विरोध दर्ज कराया था। मामले को लेकर यूपी की ब्यूरोक्रेसी लगातार जहां विपक्ष के निशाने पर है, वहीं मामले को लेकर राजनैतिक वार-पलटवार का दौर भी शुरू हो गया है।

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