Kanpur Case: कानपुर में भाजपा नेता रवि सतीजा पर दर्ज फर्जी रेप केस का सच अब खुलकर सामने आ गया है। बीते साल बर्रा थाने में दर्ज इस केस में किशोरी ने अदालत में कलमबंद बयान देकर साफ कहा कि उसे नहीं पता कि उसके साथ कब रेप हुआ था। उसने यह भी बताया कि उससे सादे कागज पर जबरन हस्ताक्षर कराए गए और पुलिस जहां-जहां ले गई, वह दबाव और डर में चुपचाप चली गई।
किशोरी के मुताबिक उसकी बड़ी बहन ने धमकी दी थी कि “बच्चा उनके पास है, अगर बात नहीं मानी तो जेल भेज देंगे।” इसी डर से उसने वही किया जो कहा गया। बयान में उसने यह भी कहा कि वह भाजपा नेता को जानती तक नहीं थी।
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बड़ी बहन ने भी अदालत में सच स्वीकार किया। उसने कहा कि वह ज्यादा पढ़ी-लिखी नहीं है और जब उससे रेप का केस कराने के लिए कहा गया तो उसने इंकार किया था। लेकिन बाद में दबाव और धमकी की वजह से उसने केस दर्ज करा दिया। उसने भी साफ कहा कि वह रवि सतीजा को पहचानती तक नहीं थी और केवल डर से बयान दिए थे।
इस पूरे मामले में Kanpur पुलिस ने 638 पन्नों की चार्जशीट अदालत में दाखिल की है। चार्जशीट में जबरन वसूली, धमकी, झूठा साक्ष्य और षड्यंत्र जैसी छह धाराओं में केस दर्ज किया गया। पुलिस ने 41 सीडी सबूत के तौर पर पेश की हैं जिनमें कॉल डिटेल्स, लोकेशन और सीसीटीवी फुटेज शामिल हैं।
दोनों बहनों को पुलिस ने सरकारी गवाह बना दिया है। बड़ी बहन ने तो यहां तक कि अधिवक्ता बिलाल आलम के खिलाफ मुकदमा भी दर्ज कराया है। पुलिस अब वकालतनामा के हस्ताक्षर की जांच हैंडराइटिंग एक्सपर्ट से करा रही है।
इस केस ने साफ कर दिया कि Kanpur भाजपा नेता पर लगाए गए रेप के आरोप निराधार और झूठे थे। अदालत में अब पूरा मामला विचाराधीन है और जल्द ही इस पर अंतिम फैसला आने की संभावना है।