Kanpur Viral Fever : मौसम का तापमान चढ़ते ही वायरल (Viral Fever) का हमला तेज होता जा रहा है। यदि आपके गले की आवाज में परिवर्तन हो रहा है तो आप भी सावधान हो जाए और तत्काल चिकित्सक परामर्श लेकर इलाज शुरू कर दे। क्योंकि यह संक्रमण लंबे समय तक मरीजों का पीछा नहीं छोड़ रहा है। तेज बुखार, गले में दर्द, सूजन, खांसी, जुकाम के मरीज अस्पतालों में बढ़ते जा रहे है।
इन दिनों कानपुर मेडिकल कॉलेज (Kanpur Medical College) की हैलट अस्पताल (Hallet Hospital) की ओपीडी में रोजाना 40% मरीज वायरल के ही आ रहे हैं। इसके साथ ही वायरल का हमला शहरी क्षेत्र में ज्यादा तेजी से हो रहा है। करीब 250 मरीज एक ओपीडी में पहुंच रहे है।
दिमागी बुखार का भी हो रहा हमला
वायरल फीवर (Viral Fever) कभी-कभी खतरनाक भी हो जाता है। बुधवार को हैलट अस्पताल की इमरजेंसी में दो, उर्सला में एक, काशीराम हॉस्पिटल में भी एक मरीज बेहोशी के हालत में पहुंचा। इन मरीजों के दिमागी बुखार था । उनकी शारीरिक क्षमता भी काफी कम थी। इस कारण इन लोगों को बुखार ने सीधे दिमाग पर अटैक किया और यह बेहोश हो गए।
वायरल एक बार फिर से हवा में हो गया सक्रिय
कानपुर मेडिकल कॉलेज के मेडिसीन विभाग के प्रोफेसर डॉ. विशाल कुमार गुप्ता ने बताया कि वायरल एक बार फिर से हवा में सक्रीय हो गया है। जैसे-जैसे तापमान बढ़ रहा है वैसे-वैसे मरीज भी बढ़ रहे हैं। इस वायरल की चपेट में सबसे ज्यादा शहरी क्षेत्र के लोग है। लगभग 80% मरीज शहरी और 20% मरीज ग्रामीण इलाके के आ रहे हैं।
लंबे समय तक बनी रहती है खांसी
डॉ. विशाल ने बताया कि यह वॉयरल काफी समय तक बना रहता है। एक बार वायरल का अटैक होने पर खांसी कम से कम दो से तीन हफ्ते का समय ठीक होने में ले रही है। दवा लेने के बाद बुखार, गले में दर्द, नाक बंद होना जैसी समस्याएं तो दूर हो जाती हैं, लेकिन खांसी की समस्या लंबे समय तक ठीक नहीं हो रही है। इसके लिए विशेष परामर्श के साथ दवा चलाई जाती है।
इन लोगों के दिमाग पर हो रहा असर
डॉ. विशाल कुमार गुप्ता ने बताया कि जो लोग वायरल में लापरवाही बरत रहे है उनके दिमाग में बुखार चढ़ रहा है, जिन लोगों के अंदर शारीरिक क्षमता कम होती है उन लोगों के बुखार दिमाग में चढ़ रहा है। इस कारण वह लोग बेहोशी की हालत में अस्पताल पहुंच रहे है।
शुगर और बीपी के मरीज रहें सावधान
डॉक्टर ने बताया कि शुगर व बीपी के मरीजों को वायरल से बचकर रहना चाहिए, क्योंकि यह वायरल ऐसे मरीजों में ज्यादा अटैक करता है। शुगर के मरीजों की शारीरिक क्षमता कम होती है तो उनमें खतरा ज्यादा रहता है।
यह होते शुरुआती लक्षण
वॉयरल का हमला होते ही शुरुआती कुछ लक्षण मरीज में समझ आने लगते है। जैसे की गले की आवाज का बदलना, गले में दर्द होना, सांस लेने में दिक्कत होना। यदि ऐसे कोई भी लक्षण हो तो तुरंत डॉक्टर से परामर्श लेकर इलाज शुरू कर देना चाहिए।
बच्चों और बुजुर्गों को ज्यादा कर रहा प्रभावित
डॉ. विशाल ने बताया कि यह जो वायरल है, यह बच्चों और बुजुर्गों को ज्यादा प्रभावित करता है। जन्म से लेकर 15 साल तक के बच्चों को संभालकर रखने की जरूरत है। इसी तरह बुजुर्गों को भी सुबह व शाम की ठंड से बचना चाहिए।
इन बातों का रखे विशेष ध्यान
- शरीर में पानी की मात्रा को कम न होने दें।
- सुबह व शाम को गर्म कपड़े पहने।
- भीड़-भाड़ वाली जगह पर मास्क का प्रयोग करें।
- दिन में एक या दो बार गुनगुने पानी से गरारा करें।
- ठंडी व ऑयल वाली चीजों का सेवन न करें।
- मौसमी फलों का सेवन अधिक करें।
- खाने में हरी सब्जियों को शामिल करें, बासी खाना न खाएं।
- बिना डॉक्टरों की परामर्श से मेडिकल स्टोर से दवा न लें।
- पांच दिन से ज्यादा खांसी या बुखार होने पर डॉक्टरों की परामर्श से इलाज शुरू कर दें।
- बुजुर्ग व बच्चे सुबह-शाम की सर्दी से बचकर रहें।