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Monday, August 18, 2025
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थाने में ही दर्ज हुआ 9 पुलिसकर्मियों पर मुकदमा, केस डायरी गायब होने से मचा हड़कंप

Kanpur Crime : कानपुर के कल्याणपुर थाने में एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जहां थाने में तैनात सात दरोगा और अन्य पुलिसकर्मियों पर मुकदमा दर्ज किया गया है। मामला तब सामने आया जब थाने से गंभीर मामलों की 11 केस डायरी गायब हो गईं, जिनमें अपहरण, धोखाधड़ी, छेड़छाड़, हत्या के प्रयास और अन्य गंभीर अपराध शामिल थे। इस घटना से थाने में अफरा-तफरी का माहौल पैदा हो गया और अधिकारियों ने आनन-फानन में एफआईआर दर्ज की।
गायब हुईं 11 मुकदमों की केस डायरी

कल्याणपुर थाने के हेड मुहर्रिर प्रताप भान सिंह ने 29 अगस्त को हेड मुहर्रिर के पद पर कार्यभार संभाला था। उन्हें इंस्पेक्टर सुधीर कुमार द्वारा कुछ महत्वपूर्ण मुकदमों की केस डायरी की तलाश करने को कहा गया। जब हेड मुहर्रिर ने थाने के मुंशियाने में रखे अभिलेखों की छानबीन की, तो 2008 से 2014 तक के 11 मुकदमों की केस डायरी गायब पाई गई। इन केस डायरियों में कोर्ट से रिसीव किए गए मामले थे, जिनकी जांच न तो विवेचकों से सटीक तरीके से की गई और न ही कोई संतोषजनक उत्तर मिल पाया।

पुलिसकर्मी पर FIR दर्ज

केस डायरी के गायब होने के बाद हेड मुहर्रिर ने इसकी जानकारी संबंधित अधिकारियों को दी और तहरीर दी। इसके बाद सात दरोगा, एक हेड कांस्टेबल और हेड पेशी समेत कुल नौ पुलिसकर्मियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई। इन पुलिसकर्मियों पर आरोप है कि उन्होंने मुकदमे की केस डायरी को गायब कर दिया, जिससे न्याय की प्रक्रिया प्रभावित हुई। कल्याणपुर इंस्पेक्टर ने मामले की जांच शुरू करने की पुष्टि की है।

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इंस्पेक्टर सुधीर कुमार के अनुसार, मामले की जांच शुरू कर दी गई है। प्रारंभिक जांच में यह संदेह उत्पन्न हो रहा है कि मुकदमों की विवेचना में लापरवाही बरती गई हो, जिसके कारण केस डायरी गायब हुई। गायब केस डायरियों में गंभीर मामलों के साक्ष्य और दस्तावेज शामिल थे, जिनकी जरूरत कोर्ट और पुलिस की जांच प्रक्रिया के लिए महत्वपूर्ण थी।

मामले की जांच जारी

पुलिस विभाग में इस घटना को लेकर गंभीर चिंता व्यक्त की जा रही है। अधिकारियों का कहना है कि मामले की गहन जांच की जाएगी और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। फिलहाल, संबंधित पुलिसकर्मियों से पूछताछ जारी है और मामले की सभी पहलुओं की जांच की जा रही है।

सवालों के घेरे में पुलिस अधिकारी 

इस घटना के बाद पुलिस विभाग के अधिकारियों और विवेचकों पर सवाल उठ रहे हैं। क्या यह लापरवाही थी या फिर कोई साजिश? इस मामले में अब तक किसी भी विवेचक से स्पष्ट जवाब नहीं मिल पाया है। पुलिस विभाग ने मामले को गंभीरता से लिया है और मामले के सभी पहलुओं की जांच करने का निर्णय लिया है।

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यह घटना न्याय की प्रक्रिया पर भी गंभीर असर डाल सकती है, क्योंकि केस डायरी गायब होने से मामले की जांच में रुकावट आ सकती है। कानपुर पुलिस प्रशासन ने उच्च अधिकारियों को मामले की जानकारी दी है, और अब मामले की जांच उच्च स्तरीय अधिकारियों द्वारा की जा रही है।

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