Kanpur electricity theft: कानपुर में बिजली चोरी का एक बड़ा मामला सामने आया है, जिसमें मीटर रीडरों की मिलीभगत से उपभोक्ताओं के बिजली बिल कम दिखाकर लाखों रुपये की चोरी की गई। केस्को के मीटर टेस्टिंग विभाग की जांच में अब तक लगभग 7943 मीटरों की जांच की गई, जिनमें से 417 मीटर दोषपूर्ण पाए गए हैं। इन मीटरों में छुपाए गए लगभग छह लाख स्टोर यूनिटों को बिजली बिल में जोड़कर करीब 40 लाख रुपये की वसूली हुई है। जिन उपभोक्ताओं ने चोरी की है, उनसे अब राशि वसूल की जा रही है। वहीं, इस घोटाले में शामिल तीन मीटर रीडरों को नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया है और दो के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। विभाग द्वारा हर महीने लगभग 20 लाख रुपये की रिकवरी की जा रही है।
चोरी का तरीका और जांच की स्थिति
मीटर रीडरों द्वारा रीडिंग स्टोर करके कम यूनिट का बिल बनवाना और बाद में मीटर जला दिखाकर नया मीटर लगवाने का खेल चल रहा था। केस्को के इंजीनियरों ने फुंके मीटरों की जांच कर इस खेल को उजागर किया है। इन मीटरों में छुपी हुई रीडिंग को पकड़कर विभाग ने बिल में सही यूनिट जोड़ने का काम किया है। इस प्रक्रिया से विभाग को करीब 40 लाख रुपये की वसूली हुई है। जांच में मिले दोषपूर्ण मीटरों और रीडरों की मिलीभगत के कारण विभाग ने कड़ी कार्रवाई की है।
अधिकतर चोरी के मामले किन क्षेत्रों से आए
चोरी के सबसे ज्यादा मामले दहेली सुजानपुर डिवीजन Kanpur से सामने आए हैं, इसके बाद हैरिसगंज डिवीजन भी इस मामले में सक्रिय पाया गया। इसके अलावा, सर्वोदय नगर, पराग डेयरी, जाजमऊ और नौबस्ता जैसे इलाकों से भी बिजली चोरी के मामले सामने आए हैं। इन क्षेत्रों में घरेलू और व्यावसायिक दोनों प्रकार के कनेक्शन शामिल हैं। दहेली सुजानपुर के एक उपभोक्ता के मीटर में 8505 यूनिट स्टोर मिली, जिसके लिए 53 हजार रुपये अतिरिक्त बिल में जोड़े गए। हैरिसगंज के एक उपभोक्ता के मीटर में 6788 यूनिट स्टोर पाई गई।
अधिकारियों की प्रतिक्रिया
केस्को Kanpur के मीटर टेस्टिंग विभाग के एक्सईएन मिथिलेश कुमार ने कहा कि जिन मीटरों में स्टोर यूनिट मिली, उनके बिलों में यह रकम जोड़कर वसूली की जा रही है। विभाग ने मीटर रीडरों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की है, जिनकी मिलीभगत सामने आई है। तीन रीडरों की सेवा समाप्त कर दी गई है, जबकि दो के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई है। विभाग अब हर महीने लगभग 20 लाख रुपये की रिकवरी कर रहा है ताकि चोरी का नुकसान कम किया जा सके।
महीनेवार स्टोर यूनिट की स्थिति
मार्च 2025 में 1,12,450 यूनिट, अप्रैल में 1,76,000 यूनिट, मई में 2,29,410 यूनिट, और जून में 75,780 यूनिट स्टोर मिली। इस मामले ने विभागीय लापरवाही और मीटर रीडरों की मिलीभगत से होने वाली बिजली चोरी की गंभीरता को उजागर किया है, जिसे रोकने के लिए लगातार प्रयास जारी हैं।