Kanpur DM CMO dispute: कानपुर के प्रशासनिक गलियारों में लंबे समय से जारी विवाद को लेकर एक बड़ा फैसला आया है। इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने 19 जून 2025 को मुख्य चिकित्सा अधिकारी (CMO) डॉ. हरिदत्त नेमी के निलंबन आदेश पर रोक लगा दी है। हाईकोर्ट के इस फैसले के बाद डॉ. नेमी ने एक बार फिर से CMO का कार्यभार संभाल लिया है। अदालत ने इस फैसले को लेकर कई कानूनी आधारों का हवाला दिया, जिससे राज्य सरकार की कार्रवाई पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं।
हाईकोर्ट में डॉ. नेमी की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता एलपी मिश्रा ने पक्ष रखा। कोर्ट ने माना कि निलंबन आदेश बिना किसी विभागीय जांच और पर्याप्त सुनवाई के जारी किया गया था, जो कि उत्तर प्रदेश सरकारी सेवक (अनुशासन और अपील) नियमावली 1999 का उल्लंघन है। याचिकाकर्ता को पहले केवल मामूली सजा के लिए कारण बताओ नोटिस भेजा गया था, लेकिन बाद में बिना उचित प्रक्रिया के सस्पेंड कर दिया गया।
कोर्ट ने कहा कि प्रथम दृष्टया यह कार्रवाई कानूनी रूप से टिकाऊ नहीं है। इसी आधार पर 19 जून को जारी निलंबन आदेश पर रोक लगा दी गई। साथ ही, डॉ. नेमी की जगह तैनात किए गए नए CMO डॉ. उदय नाथ की नियुक्ति पर भी स्टे जारी कर दिया गया है। अदालत ने राज्य सरकार और अन्य संबंधित पक्षों को चार सप्ताह के भीतर जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है। अगली सुनवाई की तारीख 18 अगस्त 2025 तय की गई है।
इस विवाद की शुरुआत तब हुई जब Kanpur के डीएम जितेंद्र प्रताप सिंह और सीएमओ डॉ. नेमी के बीच प्रशासनिक कार्यशैली को लेकर मतभेद सामने आए। डीएम ने अनुशासनहीनता का आरोप लगाकर निलंबन की कार्रवाई की थी, जिसे अब कोर्ट ने खारिज कर दिया है।
इस फैसले के बाद Kanpur शहर में चर्चाओं का माहौल गर्म है। सोशल मीडिया पर लोगों की मिली-जुली प्रतिक्रियाएं देखने को मिल रही हैं। कुछ इसे प्रशासन की जल्दबाजी मान रहे हैं, तो कुछ कोर्ट के फैसले को न्याय की जीत बता रहे हैं।
अब सबकी निगाहें इस बात पर हैं कि क्या डीएम और सीएमओ के बीच यह टकराव थमेगा या आगे और गहराएगा। साथ ही यह भी देखा जाएगा कि राज्य सरकार कोर्ट के आदेश के बाद क्या अगला कदम उठाती है।