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Tuesday, October 14, 2025
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    एनएच-2 पर महज एक किलोमीटर की दूरी में बने डेढ़ दर्जन अवैध कट, जो दे रहे हैं हादसों को दावत

    NH-2 Inviting Accident : कानपुर भौती हाईवे में पिछले दिनों कार एक्सीडेंट में बीटेक के 4 छात्रों समेत 5 लोगों की मौत। उसके 24 घंटे के भीतर महाराजपुर के पास कार एक्सीडेंट में दरोगा और एक युवती की मौत। यह तो सिर्फ हाल में हुई घटनाएं हैं, ऐसी न जाने कितनी घटनाएं हैं जो एनएच पर प्रषासन की लापरवाही से आए दिन होती रहती हैं। घटनाएं होने के बाद पुलिस और प्रशासन द्वारा सुरक्षा के मुद्दों को लेकर बड़े-बड़े दावे किए थे, लेकिन वह सारे दावे जमीन पर फेल दिखाई दे रहे हैं।

    ना तो कोई हाईवे का अवैध कट बंद किया गया, ना ही उलटी दिशा में आने वालों पर कोई कार्रवाई की गई और ना ही रोड के किनारे खड़े ट्रकों पर कोई कार्रवाई की जा रही है। यही कारण है कि हाईवे पर हादसे कम होने का नाम नहीं ले रहे हैं। हम आपको कुछ विषेश कारण बताते हैं, जिनके कारण आए दिन हाईवे पर एक्सीडेंट हुआ करते हैं। यदि पुलिस प्रशासन इस पर अंकुश लगाए तो काफी हद तक एक्सीडेंट का आंकड़ा कम हो सकता है।

    एनएच पर अवैध रूप से बने कट का पहला कारण 

    जानकारों की माने तो आए दिन हाईवे पर कोई ना कोई दुर्घटना हुआ करती है। इसका सबसे बड़ा कारण है कि जगह-जगह पर अवैध कट बने हैं। इस पर एक सर्वे किया गया तो पता चला कि एक किलोमीटर के दायरे में कम से कम 10 से 15 ऐसे कट बने थे, जहां से लोग अपने दो पहिया वाहन इस पार से उस पार ले जा सकते हैं। ऐसे में आए दिन हादसे हुआ करते हैं। अचानक से किसी गाड़ी के आ जाने पर हादसा हो जाता है। आपको बता दें कि पनकी से लेकर भौती तक कई कट ऐसे हैं, जहां से लोग आराम से अपने दो पहिया वाहन को निकाल लेते हैं।

    उल्टी दिशा से आने वाले वाहन हादसे का दूसरा कारण

    उल्टी दिशा से आने वाले वाहनों के कारण भी काफी हादसे होते हैं। इन वाहनों पर कार्रवाई करने वाला कोई भी पुलिस का आदमी हाईवे पर नहीं दिखाई देगा। कई जगह पर लोगों ने ऐसे कट बना लिए हैं कि उलटी दिशा की ओर से होकर गुजरते हैं और दूसरी तरफ निकल जाते हैं। समय की बचत करने के लिए अपनी जान जोखिम में डाल रहे हैं। खास करके ऑटो, टेंपो, ट्रैक्टर वाले इस नियम का काफी उल्लंघन करते हैं।

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    हाईवे किनारे खड़े होने वाले ट्रक हादसे का बड़ा कारण

    हाईवे किनारे बनी सर्विस लेन में तो ट्रक वालों का कब्जा होता ही है। इसके अलावा मेन हाईवे में भी ट्रक खड़े कर दिए जाते हैं। यह हादसे का सबसे बड़ा कारण है। आए दिन कोई ना कोई वहां पीछे से आकर इन ट्रकों में टकरा जाता है और हादसा हो जाता है, लेकिन हादसे के बावजूद कभी भी यहां पर कोई कार्रवाई नहीं होती है। सर्विस लेने के अलावा भी कई जगह प्रशासन को पार्किंग का बोर्ड लगा देना चाहिए, जहां पर लोग ट्रक पार्क कर सकें।

    चेतावनी बोर्ड हो गए पुराने दिखाई नहीं देते

    जिस जगह पर बीटेक छात्रों की मौत हुई थी वहां पर अभी तक कोई भी चेतावनी बोर्ड नहीं लगाया गया है। हाईवे पर कई जगह ऐसी है जहां पर चेतावनी बोर्ड ही गायब है और वह जगह ऐसी है जहां पर हादसे का खतरा अधिक रहता है। खास तौर से जहां पर ओवर ब्रिज बने हैं उसके आखिरी छोर पर बोर्ड ही नहीं है। इसलिए लोगों को अंदाजा ही नहीं होता की कोई वाहन भी अचानक से बगल वाले ओवर ब्रिज से आ रहा होगा।

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    हाइवे किनारे कहीं पर भी एक साथ खड़े हो जाते हैं 8-10 ट्रक

    बर्रा हाईवे से लेकर भौती हाइवे तक देखा जाए तो जगह-जगह पर ट्रैकों की लाइन मेन हाईवे पर ही लगी हुई दिखाई देती है। यह ट्रक वाले सर्विस लेन में ना खड़ी करके मेन हाईवे पर एक के पीछे एक खड़े किए हुए थे। सबसे ज्यादा ट्रक पनकी हाईवे पर खड़े होते हैं। थोड़ा सा आगे बढ़ते ही भौती हाईवे पर भी ऐसा ही कुछ नजारा देखने को मिलता है।

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