Kanpur highrise buildings: उत्तर प्रदेश सरकार ने इमारतों के निर्माण संबंधी नियमों में बड़ा बदलाव किया है, जो अब लखनऊ, गाजियाबाद और Kanpur जैसे शहरों को नई ऊंचाइयों तक ले जाने वाला है। इन शहरों में अब ऊंची और बहु-मंजिला इमारतें बनाई जा सकेंगी, जिससे शहरी विकास की दिशा में नई संभावनाएं खुलेंगी। नोएडा को इन नियमों से बाहर रखा गया है, क्योंकि वहां की योजना और कानून अलग हैं।
नए “बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन एंड डेवलपमेंट बायलॉज 2025” पुराने 2008 के नियमों की जगह लेंगे। इनमें फ्लोर एरिया रेशियो (FAR) को बढ़ाया गया है, जो यह निर्धारित करता है कि किसी जमीन पर कितनी जगह निर्माण हो सकता है। पहले FAR की सीमा नई जगहों पर 2.5 और पुरानी जगहों पर 1.5 थी, जिसे अब कई क्षेत्रों में 5.25 से 8.75 तक बढ़ा दिया गया है। 45 मीटर से चौड़ी सड़कों पर FAR की कोई सीमा नहीं रहेगी।
पहले 2000 वर्ग मीटर से कम भूमि पर ऊंची इमारत बनाना संभव नहीं था, लेकिन अब यह सीमा घटाकर 1000 वर्ग मीटर (बसी हुई जगहों में) और 1500 वर्ग मीटर (खाली ज़मीन में) कर दी गई है। मल्टी यूनिट इमारतें अब चार मंजिल तक बनाई जा सकेंगी, जिसमें एक मंजिल पार्किंग के लिए होगी और कम से कम 150 वर्ग मीटर जमीन की आवश्यकता होगी।
बिल्डरों को अब 5% FAR का उपयोग दुकान, ऑफिस और सामुदायिक सुविधाओं के लिए करने की अनुमति होगी। वहीं, हर हाउसिंग प्रोजेक्ट में 20% पार्किंग क्षेत्र इलेक्ट्रिक वाहनों की चार्जिंग के लिए आरक्षित करना होगा। साथ ही, बड़ी जमीनों (3000 वर्ग मीटर से अधिक) पर कम से कम 10% क्षेत्र को हरित क्षेत्र या ओपन स्पेस के रूप में छोड़ना अनिवार्य होगा। योजनाबद्ध परियोजनाओं में यह सीमा 15% होगी।
इन नियमों का लक्ष्य है कि पब्लिक ट्रांसपोर्ट के नजदीक ऊंचे भवन बनाए जाएं, जिससे ट्रैफिक कम हो और लोग आसानी से आवागमन कर सकें। विशेषज्ञों का मानना है कि अधिक निर्माण से घरों की संख्या बढ़ेगी और कीमतें कम होंगी, जिससे मध्यमवर्गीय परिवारों के लिए मकान खरीदना आसान हो जाएगा।
Kanpur रियल एस्टेट में नई संभावनाओं को जन्म देने वाले इन नियमों से उत्तर प्रदेश के प्रमुख शहरों का भविष्य अब और भी आधुनिक, ऊंचा और सुनियोजित होने जा रहा है।