Khamenei poster controversy: बहराइच के नानपारा कस्बे में आशूरा के मौके पर शिया समुदाय द्वारा निकाले गए जुलूस के दौरान एक गंभीर विवाद खड़ा हो गया है। जुलूस में शामिल लोग शिया धर्मगुरु अयातुल्लाह खामेनेई के पोस्टर लेकर चल रहे थे। इसी दौरान कथित रूप से एक सब इंस्पेक्टर ने पोस्टर पर डंडा मार दिया और आपत्तिजनक टिप्पणी कर दी। इस घटना से जुलूस में शामिल लोग भड़क गए और आधे घंटे तक माहौल तनावपूर्ण रहा।
इस पूरे घटनाक्रम पर शिया धर्मगुरु मौलाना कल्बे जवाद ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि Khamenei शिया समुदाय के सर्वोच्च धार्मिक नेता हैं और उनके पोस्टर का इस तरह अपमान करना पूरी तरह से अस्वीकार्य है। मौलाना जवाद ने दावा किया कि यह हरकत सपा से जुड़े पुराने अधिकारियों की साजिश हो सकती है, जो मौजूदा सरकार को बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने इस घटना की निष्पक्ष जांच की मांग करते हुए इजराइली एम्बेसी से संबंधों की भी जांच की बात कही है।
इस मामले से जुड़ा एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है, जिसमें मौलाना जवाद भावुक होकर कह रहे हैं कि शिया समुदाय की धार्मिक भावनाएं गहरी रूप से आहत हुई हैं। उन्होंने चेताया कि इस तरह की घटनाएं पूरे देश में सांप्रदायिक तनाव फैला सकती हैं, इसलिए दोषी अफसर के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाए।
सोमवार को एसपी रामनयन सिंह से शिया समुदाय के प्रतिनिधियों ने मुलाकात की और घटना की विस्तृत जानकारी दी। प्रतिनिधिमंडल में मोहम्मद अरशद, मुस्तफा अली खान, तंजीम, पैनी और जैहम अब्बास शामिल थे। उन्होंने पुलिस अफसर की कथित अभद्रता और धार्मिक प्रतीक का अपमान किए जाने की शिकायत सौंपी। एसपी ने प्रतिनिधियों को निष्पक्ष जांच और आवश्यक कार्रवाई का आश्वासन दिया।
इस पूरे मामले ने राजनीतिक रंग भी पकड़ लिया है। मौलाना के आरोपों के बाद समाजवादी पार्टी की भूमिका पर भी सवाल उठने लगे हैं। हालांकि सपा की ओर से इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन माहौल गरम है। धार्मिक आस्था से जुड़ी इस घटना के चलते बहराइच प्रशासन अब सतर्क हो गया है।
Khamenei पोस्टर विवाद ने धार्मिक भावनाओं के साथ-साथ राजनीतिक सरगर्मी भी बढ़ा दी है। अब सबकी निगाहें प्रशासन की जांच और संभावित कार्रवाई पर टिकी हैं।