Kushinagar Pakistani: उत्तर प्रदेश के कुशीनगर जिले से एक ऐसा मामला सामने आया है जिसने सुरक्षा एजेंसियों को भी हैरान कर दिया है। एक पाकिस्तानी नागरिक, जो दशकों पहले भारत आया था, अब फर्जी तरीके से भारतीय नागरिक बनकर सरकारी योजनाओं का लाभ उठा रहा था। पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर पूरे नेटवर्क का भंडाफोड़ कर दिया है।
1957 में मां के साथ आया था भारत, धीरे-धीरे बन गया ‘स्थानीय’
सेराजुल हक नाम का यह व्यक्ति 1957 में अपनी मां के साथ पाकिस्तान से भारत आया था। उसे लॉन्ग टर्म वीजा पर रहने की अनुमति मिली, जिसे वह हर साल रिन्यू करवाता रहा। मां की मौत के बाद भी वह यहीं रह गया और धीरे-धीरे खुद को भारतीय नागरिक साबित करने की दिशा में बढ़ने लगा।
फर्जी दस्तावेज़ बनाने में मिली स्थानीय लोगों की मदद
जांच में सामने आया कि सेराजुल ने गांव के ही दो लोगों—चांद अख्तर और शब्बीर आजम—की मदद से सहज जन सेवा केंद्र के जरिये फर्जी आधार कार्ड, वोटर आईडी और यहां तक कि आयुष्मान कार्ड तक बनवा लिए। इन दस्तावेजों की मदद से वह भारत में न केवल पहचान बना चुका था, बल्कि इलाज जैसे लाभ भी उठाने लगा था।
ऑपरेशन सिंदूर के दौरान हुआ खुलासा
सरकार द्वारा चलाए जा रहे ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत जब स्थानीय खुफिया इकाई (एलआईयू) ने जांच तेज की तो यह बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया। एलआईयू की सूचना पर पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए सेराजुल हक समेत दोनों सहयोगियों को गिरफ्तार कर लिया।
Kushinagar पुलिस कर रही व्यापक छानबीन, बढ़ सकती है गिरफ्तारी
Kushinagar एसपी संतोष कुमार मिश्र ने जानकारी दी कि तीनों आरोपियों के खिलाफ गंभीर धाराओं में मामला दर्ज किया गया है। साथ ही, पुलिस इस बात की भी जांच कर रही है कि क्या इस फर्जीवाड़े में कोई बड़ा नेटवर्क शामिल है और कहीं किसी अन्य जगह ऐसे मामले तो नहीं चल रहे। जांच का दायरा और भी बढ़ाया जा रहा है।