Lakhimpur Kheri News: उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में इटावा जैसा ही मामला सामने आया है, जहां एक कथावाचक को अपनी जाति छिपाने के आरोप में सार्वजनिक रूप से माफी मांगनी पड़ी। घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है और इलाके में यह चर्चा का विषय बन गया है।
खमरिया कस्बे स्थित राम जानकी मंदिर में श्रीमद्भागवत कथा का आयोजन चल रहा था। प्रतिदिन ग्रामीण बड़ी संख्या में कथा सुनने आते थे। इसी बीच यह बात फैली कि कथावाचक ब्राह्मण नहीं हैं। जब यह जानकारी पुष्ट हुई तो लोगों में रोष फैल गया और कथा रोक दी गई। Lakhimpur Kheri
ग्रामीणों के दबाव के बीच कथावाचक ने मंच से अपना नाम पारस मौर्य बताते हुए कहा कि वे मौर्य समाज से ताल्लुक रखते हैं। उन्होंने स्वीकार किया कि उन्होंने जाति छिपाकर कथा सुनाई और इसके लिए सभी से क्षमा मांगी। उन्होंने कहा कि अगर किसी की धार्मिक भावनाएं आहत हुई हैं तो वे हाथ जोड़कर माफी चाहते हैं। इस दौरान मौजूद भीड़ ने जयकारे भी लगाए।
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Lakhimpur Kheri घटना का वीडियो तेजी से सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है। वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि कथावाचक हाथ जोड़कर क्षमा मांग रहे हैं और लोग “जय श्रीराम” समेत अन्य नारों से प्रतिक्रिया जता रहे हैं। इस घटना ने इलाके में तीखी बहस छेड़ दी है।
याद दिला दें कि जून में इटावा जिले के दादरपुर गांव में भी ऐसा ही विवाद सामने आया था। वहां दो कथावाचक, मुकुट मणि सिंह यादव और संत सिंह यादव, पर भी जाति छिपाने का आरोप लगा था। भीड़ ने उनकी पिटाई की थी और यहां तक कि मुंडन भी करा दिया था। उस समय भी घटना का वीडियो खूब वायरल हुआ और राष्ट्रीय स्तर पर चर्चा का कारण बना।
Lakhimpur Kheri की यह ताजा घटना उसी विवाद की याद दिलाती है। लगातार सामने आ रही ऐसी घटनाएं धार्मिक आयोजनों में कथावाचकों की जाति को लेकर समाज में गहराते भेदभाव और असहिष्णुता पर गंभीर सवाल खड़े कर रही हैं।