Lakhimpur Kheri News: 36 वर्षीय रामचंद्र मौर्य की मौत ने लखीमपुर खीरी में गंभीर विवाद खड़ा कर दिया है। मौर्य के परिवार ने पुलिस पर आरोप लगाया कि उनकी हत्या पुलिस की बर्बरता का परिणाम है, जब उन्हें हिरासत में पीटा गया। सोशल मीडिया पर फैली रिपोर्ट्स और पोस्ट के अनुसार, मौर्य की मौत तब हुई जब पुलिस ने छापेमारी के दौरान उन्हें पकड़ने की कोशिश की और वह भागने लगे। इस दौरान पुलिस ने दावा किया कि मौर्य को दिल का दौरा पड़ा, लेकिन परिवार ने इसे नकारते हुए पुलिस के खिलाफ शारीरिक हमला करने का आरोप लगाया।
पुलिस के अनुसार, मौर्य शराब तस्करी के मामले में शामिल था और छापेमारी के दौरान उसने भागने का प्रयास किया। पुलिस का कहना था कि भागते समय मौर्य को दिल का दौरा पड़ा और अस्पताल में उसकी मृत्यु हो गई। हालांकि, मौर्य के परिजनों ने पुलिस के बयान को संदेह की नजर से देखा और उसे अस्वीकार किया। उनका कहना है कि मौर्य के शरीर पर स्पष्ट चोटों के निशान हैं, जो पुलिस की क्रूरता को दर्शाते हैं।
🚨 #LakhimpurKheri में पुलिस पिटाई से रामचंद्र मौर्य की मौत के बाद परिजनों ने धरना शुरू किया। परिवार का आरोप, पुलिस ने मार डाला! शव का अंतिम संस्कार नहीं हुआ। दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग! 🙏@UPGovt @Uppolice @CmOfficeUP #JusticeForRamchandra #PoliceBrutality pic.twitter.com/3jBDBNq8zK
— The MidPost (@the_midpost) January 8, 2025
सर्किल ऑफिसर (Lakhimpur Kheri सीओ) पीपी सिंह का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, जिसमें वह एक विवादास्पद टिप्पणी करते नजर आए। उन्होंने कहा कि न तो मझगई और न ही निघासन पुलिस स्टेशन को निलंबित किया जाएगा, न ही 30 लाख रुपये का मुआवजा मिलेगा। इस बयान ने आक्रोश को और बढ़ा दिया, जिसके बाद मौर्य के परिवार ने शव के साथ धरना शुरू किया और पुलिस से न्याय की मांग की।
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मौर्य के परिवार और स्थानीय लोग लगातार प्रशासन से एक स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच की मांग कर रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस ने मौर्य के साथ गलत व्यवहार किया और इस मामले की गंभीरता को हल्के में लिया। यह घटना न केवल लखीमपुर खीरी बल्कि पूरे देश में पुलिस कार्यवाही के प्रति सवाल उठाने का कारण बनी है।
सभी को इस मामले में Lakhimpur Kheri पुलिस की जवाबदेही की आवश्यकता महसूस हो रही है, और यह घटना पुलिस सुधार, मानवाधिकारों और हिरासत में हुए व्यवहार पर पुनर्विचार की आवश्यकता की ओर इशारा करती है।