Lucknow conversion: राजधानी लखनऊ में धर्मांतरण का मामला सुर्खियों में है। पुलिस ने एक ऐसे व्यक्ति को गिरफ्तार किया है, जो बीमारियों को ठीक करने और आर्थिक मदद का लालच देकर हिंदुओं को ईसाई धर्म अपनाने के लिए मजबूर कर रहा था। जांच में सामने आया है कि आरोपी अब तक लगभग 50 लोगों का धर्मांतरण करा चुका है। वह “चंगाई सभा” नाम से प्रार्थना सभाएं आयोजित करता था और इनमें खासतौर पर कम पढ़े-लिखे अनुसूचित जाति के लोगों को निशाना बनाता था।
कैसे चलता था धर्मांतरण का खेल
Lucknow पुलिस के अनुसार, आरोपी मलखान, जिसने ईसाई धर्म अपनाने के बाद अपना नाम मैथ्यू रख लिया, अपने खेत में बने एक कमरे में चंगाई सभा करता था। वहां वह गठिया, मिर्गी, सांस और अन्य बीमारियों से जूझ रहे लोगों को बुलाता था। सभा में बाइबिल पढ़ाई जाती, पवित्र जल छिड़का जाता और प्रोजेक्टर पर वीडियो दिखाकर लोगों को प्रभावित किया जाता। आरोपी हिंदू देवी-देवताओं के खिलाफ बोलकर उनका ब्रेनवॉश करता और ईसाई बनने पर आर्थिक सहायता का वादा करता था।
पुलिस की कार्रवाई
निगोहां पुलिस को लंबे समय से इलाके में धर्मांतरण की शिकायतें मिल रही थीं। इस पर एसीपी मोहनलालगंज रजनीश वर्मा के नेतृत्व में टीम बनाई गई। शनिवार को पुलिस ने हुलास खेड़ा मार्ग से आरोपी को गिरफ्तार कर लिया। उसके घर से दो बाइबिल और धर्मांतरण से जुड़ी सामग्री बरामद हुई। पुलिस उपायुक्त दक्षिणी निपुण अग्रवाल ने बताया कि आरोपी को जेल भेज दिया गया है और गिरफ्तारी में शामिल टीम को 25 हजार रुपये का इनाम दिया गया है।
फंडिंग की जांच
Lucknow पुलिस की पूछताछ में यह बात भी सामने आई कि आरोपी धर्मांतरण के बाद लोगों को आर्थिक मदद देता था। अब यह जांच की जा रही है कि उसे फंडिंग कहां से मिल रही थी। इस संबंध में मलखान और उसके परिवार के बैंक खातों की जांच की जा रही है।
विरोध और प्रतिक्रिया
इस पूरे मामले ने स्थानीय स्तर पर हलचल मचा दी है। हिंदू संगठनों ने पहले भी इस तरह की गतिविधियों का विरोध किया था और अब गिरफ्तारी के बाद उन्होंने पुलिस की कार्रवाई का स्वागत किया है।
लखनऊ का यह मामला एक बार फिर उन घटनाओं को उजागर करता है, जहां धर्म के नाम पर लोगों की आस्था और मजबूरी का फायदा उठाकर उन्हें भ्रमित किया जाता है। पुलिस अब गिरोह से जुड़े अन्य लोगों का भी पता लगाने में जुटी है।