Lucknow: लखनऊ के चिनहट थाने में व्यापारी मोहित पाण्डेय की पुलिस हिरासत में मौत के बाद पूरे राज्य में हड़कंप मच गया है। इस घटना पर राज्य सरकार ने त्वरित कार्रवाई करते हुए पुलिसकर्मियों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज कर लिया है और चिनहट के इंस्पेक्टर अश्विनी कुमार चतुर्वेदी को सस्पेंड कर दिया गया है। इस घटना के बाद राज्य के विपक्षी दलों ने योगी सरकार पर पुलिस सिस्टम की नाकामी का आरोप लगाया है, जबकि परिवार और आमजन इस मामले में न्याय की मांग कर रहे हैं।
कस्टोडियल मौत पर पुलिस एक्शन
Lucknow के चिनहट थाने में व्यापारी मोहित पाण्डेय की पुलिस कस्टडी में मौत का मामला सामने आते ही प्रशासन ने सख्त रुख अपनाया। पुलिस कमिश्नर अमरेंद्र कुमार सेंगर ने घटना पर तुरंत कार्रवाई करते हुए इंस्पेक्टर अश्विनी कुमार चतुर्वेदी को चिनहट थाने से हटाकर उनकी जगह गाजीपुर थाने से आए उप निरीक्षक भरत कुमार पाठक को नियुक्त कर दिया है। पिछले 15 दिनों में यह लखनऊ में पुलिस हिरासत में हुई दूसरी मौत है, जिससे आम जनमानस में पुलिस व्यवस्था पर सवाल खड़े हो गए हैं।
मोहित की मां ने पुलिस पर आरोप लगाया है कि मामूली विवाद के चलते पुलिस उनके बेटे को थाने लेकर गई, जहां उसे बेरहमी से पीटा गया, जिसके कारण उसकी जान चली गई। इस घटना पर परिवार ने पुलिसकर्मियों के खिलाफ हत्या का मुकदमा भी दर्ज कराया है।
अखिलेश यादव का हमला
सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने इस घटना के बाद योगी सरकार और Lucknow पुलिस व्यवस्था पर तीखा हमला बोला है। अखिलेश ने कहा, “उत्तर प्रदेश में पुलिस थाने अत्याचार गृह बन गए हैं। राज्य में कस्टोडियल मौत के मामले बढ़ते जा रहे हैं, जो कानून व्यवस्था की स्थिति को दर्शाता है।” उन्होंने इस घटना की निंदा करते हुए सरकार से त्वरित और सख्त कार्रवाई की मांग की है।
मायावती का बयान
बसपा सुप्रीमो मायावती ने भी इस घटना पर योगी सरकार को कठघरे में खड़ा किया। उन्होंने कहा कि राजधानी Lucknow में व्यापारी मोहित पाण्डेय की मौत से परिवार और स्थानीय जनता में गहरा रोष है, जो स्वाभाविक है। मायावती ने सरकार से मांग की कि पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने के लिए तुरंत प्रभावी कदम उठाए जाएं। साथ ही, उन्होंने महिलाओं पर हो रही हिंसात्मक घटनाओं का जिक्र करते हुए सख्त कार्रवाई की मांग की।
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जनता में आक्रोश
मोहित पाण्डेय की मौत के बाद राज्य में नागरिकों में गुस्से की लहर दौड़ गई है। लोग पुलिस के रवैये पर सवाल उठा रहे हैं और न्याय की मांग कर रहे हैं। मानवाधिकार संगठनों ने भी कस्टोडियल डेथ की बढ़ती घटनाओं पर चिंता व्यक्त की है और कहा कि पुलिस को संवेदनशील बनाने की जरूरत है ताकि ऐसी घटनाएं दोबारा न हों।
इस घटना ने लखनऊ और राज्यभर में पुलिस पर जनता का भरोसा हिला दिया है, और कस्टोडियल अत्याचार के खिलाफ सख्त कदम उठाने की मांग ने जोर पकड़ लिया है।