Ansal API fraud: लखनऊ में रियल एस्टेट क्षेत्र की जानी-मानी कंपनी अंसल प्रॉपर्टीज एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड (अंसल एपीआई) के खिलाफ धोखाधड़ी के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। सुशांत गोल्फ सिटी थाना क्षेत्र में कंपनी पर दो और नए मुकदमे दर्ज किए गए हैं, जिनमें 33.60 करोड़ और 14 लाख रुपये की ठगी के आरोप लगाए गए हैं। इससे पहले कंपनी पर पहले ही 238 एफआईआर दर्ज हो चुकी थीं, और अब कुल संख्या 240 हो गई है।
पहला मामला मेसर्स चन्द्रा मॉडर्न बिल्डर्स (इंडिया) प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक आलोक चंद्रा द्वारा दर्ज कराया गया है। आलोक चंद्रा ने आरोप लगाया है कि उन्होंने अंसल एपीआई से सुशांत गोल्फ सिटी परियोजना में A, B, C और D चार टावरों के अंतर्गत आने वाली 42,684.17 वर्ग मीटर जमीन 33.60 करोड़ रुपये में खरीदी थी। सभी रजिस्ट्री और दस्तावेज उपनिबंधक कार्यालय, सरोजनी नगर में विधिवत पंजीकृत थे।
हालांकि, 5 जुलाई को उन्हें जानकारी मिली कि Ansal API के अधिकारियों—प्रणव अंसल, नीरज झा और कमलेश सिंह—ने टावर A के अंतर्गत आने वाले 1,200 वर्ग मीटर जमीन का हिस्सा बालकृष्ण नामक व्यक्ति को दोबारा फर्जी बैनामे के ज़रिए बेच दिया। शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया कि इस धोखाधड़ी के लिए कूटरचित दस्तावेजों का इस्तेमाल किया गया। पुलिस को सभी वैध रजिस्ट्री, कब्जा पत्र, लेआउट प्लान और फर्जी दस्तावेज साक्ष्य के रूप में सौंपे गए हैं।
दूसरी शिकायत ऋतु करोली नामक महिला द्वारा की गई है, जिन्होंने वर्ष 2013 में सुशांत गोल्फ सिटी के P-ब्लॉक में 162 वर्ग मीटर का प्लॉट बुक किया था। उन्होंने इसके लिए 14 लाख रुपये से अधिक की राशि जमा की थी। लेकिन 11 वर्षों के इंतजार के बाद भी न उन्हें प्लॉट मिला और न ही उनकी जमा राशि लौटाई गई। हाल ही में उन्हें पता चला कि अंसल एपीआई अब दिवालिया प्रक्रिया यानी एनसीएलटी में शामिल हो चुकी है, जिससे सैकड़ों ग्राहकों की उम्मीदों को गहरा झटका लगा है।
इन दोनों नए मामलों से यह साफ हो गया है कि Ansal API पर सिर्फ कब्जा न देने का आरोप नहीं है, बल्कि फर्जी रजिस्ट्री और दोहरी बिक्री जैसी संगठित ठगी में भी कंपनी की संलिप्तता सामने आ रही है। कई अधिकारी पहले से ही ईओडब्ल्यू और ईडी की जांच के दायरे में हैं।