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Monday, October 13, 2025
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    Lucknow में सर्किल रेट बढ़ने से महंगी होगी प्रॉपर्टी, टैक्स वसूली में आएगी तेजी

    Lucknow circle rate: लखनऊ में 1 अगस्त से सर्किल रेट में इजाफे की तैयारी है, जिससे प्रॉपर्टी खरीदने वालों की जेब पर अतिरिक्त बोझ पड़ने वाला है। निबंधन विभाग ने जो नई दरें प्रस्तावित की हैं, उसके मुताबिक करीब 60% खरीदारों को अब 30 लाख रुपये से ज्यादा की स्टांप ड्यूटी चुकानी पड़ेगी। जैसे ही किसी रजिस्ट्री में स्टांप ड्यूटी 30 लाख रुपये पार करती है, रजिस्ट्री कार्यालय इस जानकारी को इनकम टैक्स विभाग को भेज देता है। इसके आधार पर इनकम टैक्स विभाग खरीदार और विक्रेता दोनों से आय की जांच करता है और टैक्स वसूलने की प्रक्रिया शुरू होती है।

    Lucknow सर्किल रेट में न्यूनतम 15% से लेकर अधिकतम 177% तक बढ़ोतरी का प्रस्ताव है। इसके चलते प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री महंगी होगी और लोगों को पहले के मुकाबले ज्यादा स्टांप ड्यूटी देनी पड़ेगी। निबंधन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि अब तक जिन प्रॉपर्टी की स्टांप ड्यूटी 30 लाख से कम होती थी, उन पर इनकम टैक्स विभाग की नजर नहीं जाती थी, लेकिन नई दरों के लागू होते ही अधिकांश रजिस्ट्रियों में यह सीमा पार हो जाएगी। इससे इनकम टैक्स विभाग की निगरानी और वसूली दोनों में बड़ा इजाफा होगा।

    शहर के पॉश इलाकों जैसे अंसल और एमार टाउनशिप में सर्किल रेट में सबसे अधिक बढ़ोतरी प्रस्तावित है। वर्तमान में यहां का सर्किल रेट 18,000 रुपये प्रति वर्ग मीटर है, जिसे बढ़ाकर 50,000 रुपये प्रति वर्ग मीटर करने की तैयारी है। इसके अलावा, अन्य बड़ी कॉलोनियों में भी इसी प्रकार की दरों में वृद्धि की योजना है। इससे इन इलाकों में प्रॉपर्टी खरीदने वालों को काफी अधिक स्टांप ड्यूटी देनी पड़ेगी, जो सीधे इनकम टैक्स के दायरे में आ जाएगी।

    पुराने Lucknow के क्षेत्रों में, जैसे आलमबाग, सिंगारनगर, ठाकुरगंज, डालीगंज और चौक आदि में सर्किल रेट में मामूली 15% से 20% तक बढ़ोतरी का प्रस्ताव है। इन इलाकों में पहले से ही घनी आबादी है और प्रॉपर्टी की बिक्री अपेक्षाकृत कम होती है।

    टैक्स बार एसोसिएशन Lucknow के कोषाध्यक्ष मनोज कुमार सिंह चौहान के अनुसार, इन बदलावों के बाद खरीदार के साथ-साथ विक्रेता की आय पर भी इनकम टैक्स विभाग नजर रखेगा। खरीदार को यह प्रमाण देना होगा कि उसने प्रॉपर्टी के लिए धन कहां से लाया है। यदि खरीदार धन का स्रोत साबित नहीं कर पाता है तो उस पर स्टांप ड्यूटी का 20% अतिरिक्त टैक्स और 5% से 15% तक की पेनाल्टी लगाई जा सकती है।

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