Lucknow Power crisis: लखनऊ में लाखों निवासियों को बिजली संकट का सामना करना पड़ रहा है, क्योंकि शहर में एक ओर लेसा द्वारा रखरखाव का काम चल रहा है, वहीं दूसरी ओर स्मार्ट मीटरों से गलत बिलिंग की शिकायतें लगातार बढ़ रही हैं। आज, सोमवार को लगभग 5 लाख लोगों को बिजली कटौती से जूझना पड़ा, जिसमें गोमतीनगर, जानकीपुरम, ठाकुरगंज और राजाजीपुरम जैसे प्रमुख इलाके प्रभावित रहे।
लेसा Lucknow के अधिकारियों के अनुसार, यह बिजली कटौती 15 सितंबर से 14 अक्टूबर तक चलने वाले ‘अनुरक्षण माह’ का हिस्सा है। इस दौरान फीडर और ट्रांसफार्मर की मरम्मत की जा रही है ताकि भविष्य में बिजली आपूर्ति में सुधार हो सके। हालांकि, इस रखरखाव के कारण निवासियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। आज सुबह से ही जानकीपुरम, पुरनिया, ठाकुरगंज, सआदतगंज और गोमतीनगर के विभिन्न क्षेत्रों में अलग-अलग समय पर बिजली गुल रही, जिससे लोगों के दैनिक कार्य बुरी तरह प्रभावित हुए।
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बिजली कटौती के अलावा, शहर के लोग स्मार्ट मीटरों से आ रहे भारी-भरकम और फर्जी बिलों से भी परेशान हैं। कई उपभोक्ताओं को ऐसे बिल मिल रहे हैं, जिनमें बिल पर दर्ज रीडिंग और मीटर पर दर्ज रीडिंग में बड़ा अंतर है। राजाजीपुरम के एक निवासी विजय कुमार को 19,371 रुपये का बिल भेजा गया, जबकि बाद में जांच के बाद उनका सही बिल केवल 3,929 रुपये निकला। इसी तरह, एक अन्य उपभोक्ता, सावित्री देवी को सोलर कनेक्शन होने के बावजूद 75,060 रुपये का बिल भेजा गया, जो बाद में घटकर 4,370 रुपये हो गया।
इस तरह की गड़बड़ी ने उपभोक्ताओं को एसडीओ और एक्सईएन कार्यालयों के चक्कर लगाने पर मजबूर कर दिया है। चिनहट के कई निवासियों ने भी शिकायत की है कि उनके बिलों पर अंकित रीडिंग और मीटर की रीडिंग मेल नहीं खाती। इस समस्या को लेकर उत्तर प्रदेश अपना व्यापार मंडल के अधिकारियों ने अधीक्षण अभियंता से मुलाकात की है और पूरे मामले की जांच की मांग की है।
Lucknow लेसा के अधिकारी इस समस्या की जांच का आश्वासन दे रहे हैं, लेकिन उपभोक्ताओं का मानना है कि इस तकनीकी खामी का जल्द से जल्द समाधान किया जाना चाहिए। बिजली कटौती और फर्जी बिलिंग की इन दोनों समस्याओं ने मिलकर लखनऊ के निवासियों के लिए एक चुनौतीपूर्ण स्थिति पैदा कर दी है।