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मौलाना शहाबुद्दीन रजवी का बड़ा बयान, मदरसों पर सरकार की नजर, बंद कराने की चाल

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Shahabuddin Razvi
Shahabuddin Razvi

UP Madrasa News: मौलाना शहाबुद्दीन रज़वी बरेलवी ने बरेली में 250 मदरसों को बंद करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि सरकार मदरसों के खिलाफ एक बड़ी साजिश रच रही है। यह सरकार मदरसों को बंद करके मुसलमानों को शिक्षा से दूर रखना चाहती है ताकि वे पढ़ न सकें और हमेशा पिछड़े रहें। मौलाना शहाबुद्दीन ने आरोप लगाते हुए आगे कहा कि सपा की अखिलेश यादव सरकार के समय से ही मदरसों के साथ सौतेला व्यवहार हो रहा है। उन्होंने कहा कि इसकी शुरुआत सपा सरकार में हुई थी, लेकिन अब यह चरम पर पहुंच गया है।

बरेली में ढाई सौ मदरसे किए जा रहे बंद 

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साल 2016 में सपा सरकार में अल्पसंख्यक मंत्री रहते हुए आज़म खान ने ज़िला स्तर पर मदरसों की मान्यता बंद कर दी थी। इसके बाद सरकार ने आलिया की मान्यता भी बंद कर दी और अब आज की सरकार ने इसे पूरी तरह से बंद करने का नोटिस दे दिया है। बरेली में ढाई सौ मदरसे बंद किए जा रहे हैं। उन्हें खंड विकास अधिकारी द्वारा नोटिस दिया गया है कि अगर इन मदरसों को बंद किया गया तो यह एक असंवैधानिक कदम होगा। संविधान अल्पसंख्यकों को स्कूल खोलने और चलाने की अनुमति देता है।

यूपी सरकार पर लगा बड़ा आरोप

मौलाना ने कहा कि सरकार केवल उन्हीं मदरसों को बंद कर सकती है जो सरकार द्वारा वित्त पोषित हैं। अगर ये मदरसे बंद हो गए तो लाखों बच्चों का क्या होगा। एक तरफ सरकार शिक्षा के अधिकार की बात कर रही है और दूसरी तरफ आबादी के एक बड़े हिस्से को शिक्षा से वंचित करने की कोशिश की जा रही है।

सरकार के दोतरफा फैसले न्याय नहीं हैं। ये गैरकानूनी हैं। अगर मदरसों को मान्यता नहीं है, तो उन्हें मान्यता दी जानी चाहिए। सरकार को अपने मानक तय करने चाहिए और उसी के आधार पर मान्यता देनी चाहिए। सरकार को मदरसों को बंद करने का अधिकार नहीं है। यह अन्याय है। मदरसों के खिलाफ यह कार्रवाई इसलिए की जा रही है ताकि मुसलमानों को शिक्षा से दूर रखा जा सके और वे पढ़ न सकें।

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