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Monday, October 27, 2025
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    Mainpuri में फर्जी सेना भर्ती का पर्दाफाश: अरविंद पांडेय गिरोह ने ठगे 18 करोड़, युवाओं के सपनों से खेला बड़ा खेल!

    Mainpuri fake army recruitment: उत्तर प्रदेश के मैनपुरी जिले के किशनी क्षेत्र में एक बड़ा फर्जी सैन्य भर्ती केंद्र चलाया जा रहा था, जिसे देखकर आम लोग इसे भारतीय सेना का असली ट्रेनिंग कैंप समझते थे। जटपुरा चौराहे के पास स्थित इस 30 बीघा जमीन पर बने केंद्र में सेना के झंडे, बड़े टायर, ऊंचे पोल, रस्सियां और निशानेबाजी के लिए शूटिंग टारगेट लगे थे। लेकिन यह कोई असली सैन्य केंद्र नहीं, बल्कि युवाओं को ठगने वाला गिरोह था। यहां ‘भारतीय पुलिस प्रोटेक्शन फोर्स (BPPF)’ और ‘हिंदुस्तान रक्षा धर्म’ के नाम से दो फर्जी ट्रेनिंग सेंटर संचालित थे। पिछले चार वर्षों में करीब 600 युवाओं को यहां झांसा देकर 18 करोड़ रुपये की ठगी की गई।

    इस Mainpuri घोटाले का खुलासा तब हुआ जब तेलंगाना के एक युवक अशोक ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। उसने बताया कि यूट्यूब पर सेना भर्ती से जुड़ा एक वीडियो देखकर वह अरविंद पांडेय से जुड़ा, जो खुद को रिटायर्ड ‘कैप्टन’ और ‘डॉक्टर’ बताता था। अशोक ने अपने छह दोस्तों को इस ट्रेनिंग सेंटर में भेजा, जहां से हर युवक से 2 से 3 लाख रुपये लिए गए। तीन महीने की ट्रेनिंग के बाद भी किसी को नौकरी नहीं मिली। इसी तरह मैनपुरी के स्थानीय निवासी अनिरुद्ध दूबे ने अपने भांजे के लिए 4 लाख रुपये खर्च किए, लेकिन उसे भी नौकरी का वादा पूरा नहीं हुआ।

    शिकायतों के बाद Mainpuri पुलिस ने 3 जून 2025 को जटपुरा चौराहे पर छापेमारी की और इस फर्जी भर्ती केंद्र के मास्टरमाइंड अरविंद पांडेय (मूलत: मैनपुरी, वर्तमान फरीदाबाद निवासी) और उनकी सहयोगी सुमित्रा सेनापति (ओडिशा निवासी) को गिरफ्तार किया। उनके कब्जे से फर्जी दस्तावेज, नकली जॉइनिंग लेटर, आईडी कार्ड, नकली बंदूक, यूनिफॉर्म, राष्ट्रीय चिन्ह ‘अशोक स्तंभ’ के स्टिकर, फर्जी मेडिकल लेटर और रबर स्टैंप बरामद हुए। पुलिस अधीक्षक गणेश प्रसाद साहा ने बताया कि यह गिरोह उत्तर प्रदेश के अलावा तेलंगाना, हरियाणा, राजस्थान, उत्तराखंड और ओडिशा में भी सक्रिय था।

    अरविंद पांडेय ने युवाओं को सेना में भर्ती का झांसा देने के लिए यूट्यूब पर फर्जी वीडियो बनाकर अपनी विश्वसनीयता बढ़ाई। सेंटर में शारीरिक प्रशिक्षण और निशानेबाजी जैसी दिखावटी गतिविधियां कराई जाती थीं, लेकिन असल में युवाओं को सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी दी जाती या फिर कोई नौकरी नहीं मिलती थी। अरविंद ने पहले ‘हिंदुस्तान दंत मंजन’ नाम की नकली टूथपेस्ट कंपनी और ‘मिस इंडिया प्रतियोगिता’ के नाम पर भी धोखाधड़ी की थी। उसने सोशल मीडिया पर अपनी छवि चमकाने के लिए फर्जी फोटो और वीडियो भी बनाए थे।

    Mainpuri पुलिस की जांच में अब तक 300 से अधिक पीड़ितों की पहचान हुई है। आर्मी इंटेलिजेंस की टीम भी इस मामले की जांच में शामिल है। अरविंद का हाई स्कूल तक का शिक्षा स्तर भी कम है, जबकि उसकी मां मंदिर में मामूली नौकरी करती हैं। यह मामला युवाओं को झूठे वादों से सावधान रहने की सीख देता है। पुलिस अब गिरोह के अन्य सदस्यों की तलाश और अन्य राज्यों में छापेमारी कर रही है।

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