Mathura House Collapse: उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले में शनिवार को एक गंभीर हादसा हुआ, जब अमरीश टीले पर अवैध रूप से हो रही खुदाई के दौरान मिट्टी खिसक गई और देखते ही देखते 4 से 6 मकान भरभराकर गिर पड़े। इस हादसे में 12 से 15 मजदूरों के मलबे में दबे होने की आशंका जताई जा रही है। हादसे की सूचना मिलते ही गोविंद नगर थाना क्षेत्र की पुलिस, सिटी मजिस्ट्रेट, फायर ब्रिगेड और एंबुलेंस की टीमें मौके पर पहुंचीं। राहत कार्य में तेजी लाने के लिए NDRF और SDRF की टीमें भी बुला ली गई हैं। अब तक एक युवक और एक महिला को मलबे से निकालकर अस्पताल भेजा गया है।
अवैध खुदाई बन गई हादसे की वजह
हादसे की जड़ में अवैध खुदाई है, जो प्रशासनिक अनुमति के बिना की जा रही थी। खुदाई का मकसद जमीन को समतल कर प्लॉटिंग करना था। जिस जगह पर खुदाई हो रही थी, वह छह लोगों की साझा संपत्ति है। इनमें सुनील चेन, राम अग्रवाल, प्रदीप शर्मा और रीतेश समेत कुल 6 लोगों के नाम सामने आए हैं। बुलडोजर के ज़रिए जमीन को समतल किया जा रहा था, लेकिन अचानक मिट्टी ढह गई और कई मकान इसकी चपेट में आ गए। हादसे के बाद खुदाई और प्लॉटिंग का पूरा काम रुक गया है।
प्रशासन और पुलिस पर उठे सवाल
स्थानीय लोगों का आरोप है कि यह खुदाई लंबे समय से चल रही थी, लेकिन Mathura पुलिस और प्रशासन ने कोई कार्रवाई नहीं की। अब जब हादसा हो गया है, तब अधिकारी मौके पर पहुंचे हैं। सवाल उठ रहे हैं कि आखिर इतनी बड़ी खुदाई प्रशासन की नाक के नीचे कैसे हो रही थी और किसी ने इसे रोका क्यों नहीं।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का सख्त रुख
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हादसे को गंभीरता से लेते हुए तत्काल संज्ञान लिया है। उन्होंने मथुरा प्रशासन को निर्देश दिए हैं कि राहत एवं बचाव कार्य में कोई ढिलाई न हो और युद्धस्तर पर लोगों को मलबे से बाहर निकाला जाए। इसके साथ ही घायलों के समुचित इलाज की व्यवस्था करने को भी कहा गया है। प्रशासन ने मामले की जांच शुरू कर दी है और ज़मीन मालिकों की भूमिका को लेकर भी कानूनी कार्रवाई की जा सकती है।
रेस्क्यू ऑपरेशन जारी
फिलहाल रेस्क्यू ऑपरेशन पूरे ज़ोर पर चल रहा है। जेसीबी मशीनों की मदद से मलबा हटाया जा रहा है। स्थानीय लोग भी प्रशासन के साथ मिलकर राहत कार्य में लगे हैं। Mathura प्रशासन की ओर से यह भी कहा गया है कि जब तक मलबे में दबे अंतिम व्यक्ति को नहीं निकाला जाता, तब तक ऑपरेशन जारी रहेगा।