Mayawati Angry: बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने केंद्र सरकार द्वारा जातीय जनगणना कराने के फैसले पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर पोस्ट करते हुए कहा कि लंबे समय तक विरोध करने के बाद अब केंद्र सरकार ने जातीय जनगणना कराने का निर्णय लिया है, लेकिन इसके पीछे बीजेपी और कांग्रेस की राजनीति है। मायावती ने आरोप लगाया कि इन पार्टियों का उद्देश्य ओबीसी समाज के वोटों को आकर्षित करना है, जबकि उनका इतिहास हमेशा से बहुजन समाज के खिलाफ रहा है।
- विज्ञापन -1. काफी लम्बे समय तक ना-ना करने के बाद अब केन्द्र द्वारा राष्ट्रीय जनगणना के साथ जातीय जनगणना भी कराने के निर्णय का भाजपा व कांग्रेस आदि द्वारा इसका श्रेय लेकर खुद को ओबीसी हितैषी सिद्ध करने की होड़, जबकि इनके बहुजन-विरोधी चरित्र के कारण ये समाज अभी भी पिछड़ा, शोषित व वंचित।
— Mayawati (@Mayawati) May 2, 2025
Mayawati ने कहा कि अगर भाजपा और कांग्रेस की नीयत सही होती तो ओबीसी समाज देश के विकास में अहम योगदान दे चुका होता। उन्होंने यह भी कहा कि बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर का मिशन, जो आत्म-सम्मान और स्वाभिमान पर आधारित था, इन पार्टियों के कारण सफल नहीं हो पाया। उनका दावा है कि ओबीसी समाज आज भी पिछड़ा और वंचित है, जबकि अगर इन पार्टियों ने सही दिशा में काम किया होता तो ओबीसी समाज को उसका हक मिल चुका होता।
मायावती ने स्पष्ट रूप से कहा कि ओबीसी का असली हित केवल बहुजन समाज पार्टी में ही है, न कि भाजपा या कांग्रेस में। उन्होंने ‘वोट हमारा, राज तुम्हारा नहीं चलेगा’ के नारे को दोहराते हुए कहा कि बहुजन समाज को अब जागरूक हो कर अपने हक के लिए सही समय पर कदम उठाने होंगे। मायावती ने इन पार्टियों पर विश्वास न करने की सलाह दी और कहा कि भाजपा और कांग्रेस सिर्फ अपने स्वार्थ के लिए ओबीसी वोटों के पीछे भाग रहे हैं, जबकि बीएसपी ने हमेशा उनके अधिकारों के लिए संघर्ष किया है।
Mayawati ने आगे कहा कि अब समय आ गया है जब ओबीसी समाज को अपनी ताकत को सही दिशा में लगाना चाहिए। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर समाज ने लापरवाही बरती तो फिर से उसे शोषण और वंचना का सामना करना पड़ेगा। उनकी अपील है कि अब बहुजन समाज को अपने हक के लिए पूरी तरह से सजग और सतर्क रहना होगा।