spot_img
Monday, August 18, 2025
-विज्ञापन-

More From Author

मोदी सरकार के मंत्री Kirtivardhan Singh पर जमीन कब्जाने के गंभीर आरोप, कोर्ट के आदेश पर एफआईआर दर्ज

Kirtivardhan Singh News: गोंडा की राजनीति में हलचल पैदा करने वाला मामला सामने आया है, जिसमें केंद्र की मोदी सरकार में विदेश राज्य मंत्री और गोंडा के सांसद Kirtivardhan Singh पर जमीन हड़पने का आरोप लगा है। मनकापुर स्टेट के राजा माने जाने वाले सिंह के खिलाफ अजय सिंह नामक व्यक्ति ने कोर्ट में याचिका दायर की। याचिका में आरोप लगाया गया कि मंत्री और उनके चार साथियों ने उनकी पत्नी मनीषा सिंह की खरीदी हुई जमीन का फर्जी बैनामा कराया और कब्जा करने की कोशिश की।

अजय सिंह का कहना है कि उनकी पत्नी ने यह जमीन विधिवत खरीदी थी, लेकिन मंत्री Kirtivardhan Singh और उनके करीबियों—राजेश सिंह, सहदेव यादव, पिंकू और कांति सिंह—ने पुरानी तारीख के स्टांप पेपर का उपयोग करते हुए फर्जी दस्तावेज तैयार किए। आरोप के अनुसार, विक्रेता बिट्टन देवी को लालच और दबाव में लाकर जमीन का एक हिस्सा मिथिलेश रस्तोगी के नाम और शेष कांति सिंह के नाम दर्ज करा दिया गया। कुल 16 डिसमिल जमीन मिथिलेश रस्तोगी को और बाकी जमीन कांति सिंह को हस्तांतरित की गई।

शिकायत में यह भी कहा गया कि जब अजय सिंह ने इस फर्जीवाड़े का विरोध किया, तो आरोपियों ने न केवल जमीन पर कब्जा करने की कोशिश की, बल्कि उन्हें जान से मारने और झूठे मुकदमे में फंसाने की धमकी भी दी। स्थानीय पुलिस में शिकायत दर्ज कराने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हुई, जिसके बाद अजय सिंह ने एमपी/एमएलए कोर्ट का रुख किया।

सुनवाई के दौरान सिविल जज अपेक्षा सिंह ने अभियोजन पक्ष की दलीलों और सबूतों का गहन अध्ययन किया। कोर्ट ने मामले को गंभीर मानते हुए मनकापुर कोतवाली पुलिस को आदेश दिया कि कीर्तिवर्धन सिंह सहित पांच नामजद आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जाए। साथ ही, पुलिस को निर्देश दिया गया कि 15 दिन के भीतर मामले की जांच पूरी कर रिपोर्ट कोर्ट में पेश की जाए।

यह मामला केवल कानूनी विवाद तक सीमित नहीं है, बल्कि इसके राजनीतिक निहितार्थ भी गहरे हैं। मनकापुर स्टेट को लंबे समय से बीजेपी के दिग्गज नेता और बाहुबली बृजभूषण शरण सिंह के विरोधी गुट का गढ़ माना जाता है। ऐसे में इस केस का उभरना, खासकर चुनावी माहौल में, राजनीतिक समीकरणों पर असर डाल सकता है। विपक्षी दल इस मुद्दे को बीजेपी पर हमले के लिए हथियार के रूप में इस्तेमाल कर सकते हैं, जबकि पार्टी के भीतर गुटीय राजनीति को भी यह मामला और उभार सकता है।

गोंडा में यह केस फिलहाल चर्चा का केंद्र बना हुआ है, और अब सभी की नजरें पुलिस जांच और कोर्ट में आने वाले अगले फैसले पर टिकी हैं।

Latest Posts

-विज्ञापन-

Latest Posts