Property in Noida: उत्तर प्रदेश के नोएडा और ग्रेटर नोएडा में सर्किल रेट में बढ़ोतरी का प्रस्ताव रखा गया है। इस प्रस्ताव के मुताबिक, आवासीय इलाकों में 30 से 40 प्रतिशत तक सर्किल रेट बढ़ने की संभावना है, जबकि अन्य क्षेत्रों में 10 से 20 प्रतिशत तक की वृद्धि का सुझाव दिया गया है। सर्किल रेट का निर्धारण रजिस्ट्रेशन के दौरान स्टांप ड्यूटी और अन्य शुल्कों के आधार पर किया जाता है। इस प्रस्ताव पर जल्द ही कोई आधिकारिक घोषणा हो सकती है।
सर्किल रेट में बढ़ोतरी क्यों?
नोएडा और ग्रेटर नोएडा (Property in Noida) में पिछले कुछ वर्षों में फ्लैटों और जमीन की कीमतों में काफी वृद्धि हुई है जबकि सर्किल रेट पर आधारित स्टांप शुल्क अब भी बहुत कम है। यह असंतुलन ध्यान में रखते हुए सर्किल रेट्स में बदलाव की आवश्यकता महसूस की गई है। इस बढ़ोतरी से रजिस्ट्री फीस में भी वृद्धि होगी जो जमीन और फ्लैट की खरीदारी को महंगा बना सकती है।
सहायक महानिरीक्षक पंजीकरण (AIGR) शशि भानु मिश्रा ने बताया कि 2019 के बाद सर्किल रेट्स में कोई बदलाव नहीं किया गया था। उन्होंने यह भी कहा कि इस समय रेट्स में बदलाव की जरूरत है खासकर नोएडा और ग्रेटर नोएडा के उच्च विकास और बढ़ती संपत्ति कीमतों को देखते हुए।
सर्किल रेट बढ़ाने से पहले होगी जनता से बात
जिलाधिकारी इस मामले पर जल्द बैठक करेंगे लेकिन सर्किल रेट बढ़ाने से पहले आम जनता से आपत्तियां ली जाएंगी। इस प्रक्रिया के बाद ही कोई अंतिम फैसला लिया जाएगा। निबंधन विभाग के एआईजी बीएस वर्मा ने बताया कि नए सर्किल रेट की सूची तैयार कर ली गई है। इसके पहले पिछले साल प्राधिकरण ने आवंटन दरों में 6 फीसदी तक की वृद्धि की थी।
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ग्रुप हाउसिंग श्रेणी ए में दरें 172,680 रुपये से बढ़कर 183,040 रुपये प्रति वर्ग मीटर तक पहुंच गई थीं जबकि श्रेणी बी में यह दर 115,130 रुपये से बढ़कर 122,040 रुपये प्रति वर्ग मीटर हो गई थी। इस बार खासतौर पर गांवों में 10 से 20 प्रतिशत तक सर्किल रेट बढ़ाए जाने की संभावना है।
जमीन और फ्लैटों की रजिस्ट्री पर क्या होगा असर?
अगर सर्किल रेट में प्रस्तावित वृद्धि (Property in Noida) लागू होती है तो यह नोएडा और ग्रेटर नोएडा में जमीन और फ्लैटों की रजिस्ट्री महंगी बना सकती है। यह निर्णय निवेशकों और संपत्ति खरीदारों के लिए एक महत्वपूर्ण बदलाव हो सकता है। हालांकि, सर्किल रेट बढ़ाने से पहले इस पर जनता की राय ली जाएगी, जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि आम आदमी पर इसका कोई नकारात्मक प्रभाव न पड़े।
उम्मीद की जा रही है कि इस फैसले के बाद नोएडा और ग्रेटर नोएडा के रियल एस्टेट बाजार में कुछ बदलाव आएंगे, और स्टांप शुल्क और रजिस्ट्री की लागत में वृद्धि से सरकारी राजस्व में भी इजाफा हो सकता है।