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Saturday, November 1, 2025
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    अखिलेश पर राजभर परिवार का पलटवार: “जरूरत पड़ी तो अनाज और सब्जी देंगे”

    Om Prakash Rajbhar News: समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव के “ओमप्रकाश राजभर को जन्मदिन पर 100 रुपए भेजने” वाले बयान पर अब सियासी संग्राम छिड़ गया है। सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के राष्ट्रीय महासचिव और ओमप्रकाश राजभर के बेटे अरुण राजभर ने करारा जवाब देते हुए कहा कि उनके पिता के पास पैसा भले ही न हो, लेकिन ईमानदारी और जनता की सेवा का संकल्प है। उन्होंने व्यंग्यात्मक लहजे में कहा कि अगर कभी अखिलेश यादव को कठिन हालात का सामना करना पड़ा, तो सुभासपा प्रमुख Om Prakash Rajbhar अपने खेत से निकली अनाज और सब्जियों की मदद देने में पीछे नहीं हटेंगे।

    अरुण राजभर ने समाजवादी पार्टी पर सीधा हमला बोलते हुए कहा कि इस पार्टी को सिर्फ पैसा ही नजर आता है। उन्होंने तंज कसा कि सत्ता से बाहर आने के बाद अखिलेश यादव अब 100 रुपए जैसी बातें करने लगे हैं। अगर वे आज भी सत्ता में होते तो करोड़ों-अरबों की बात से नीचे उतरते ही नहीं। अरुण ने आरोप लगाया कि सपा सरकार के दौरान पैसों की लूट-खसोट होती रही और जनता के संसाधनों का दुरुपयोग कर आलीशान महलों में ऐश की गई। अब समय आ गया है कि वे जनता की पाई-पाई का हिसाब दें।

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    उन्होंने कहा कि उनके पिता Om Prakash Rajbhar की असली पूंजी धन-दौलत नहीं, बल्कि जनता के बीच की सच्ची सेवा है। यही वजह है कि सुभासपा का आधार दिन-प्रतिदिन मजबूत हो रहा है। अरुण ने दावा किया कि अखिलेश यादव ओमप्रकाश राजभर को जन्मदिन की शुभकामनाएं देने की जगह पैसों का ताना देकर उनकी लोकप्रियता से असहज हैं।

    इसी दौरान अरुण ने एआईएमआईएम के प्रदेश अध्यक्ष शौकत अली पर भी निशाना साधा, जिन्होंने महाराजा सुहेलदेव को “लुटेरा” कहा था। अरुण ने इसे अज्ञानता और देश के वीरों का अपमान करार दिया। उन्होंने कहा कि महाराजा सुहेलदेव ने आक्रांताओं से भारत की अस्मिता की रक्षा की थी, ऐसे में उनका अपमान करना न सिर्फ राजभर समाज बल्कि पूरे देश के गौरव को ठेस पहुंचाना है।

    अरुण राजभर का यह बयान साफ करता है कि सुभासपा अखिलेश यादव की टिप्पणियों को हल्के में लेने के मूड में नहीं है। वहीं, महाराजा सुहेलदेव को लेकर दिए गए बयान ने भी नए राजनीतिक विवाद को जन्म दे दिया है। उत्तर प्रदेश की राजनीति में ये तकरार एक बार फिर यह दिखाती है कि छोटे दल और बड़े नेता अब आमने-सामने आ चुके हैं।

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