Maha kumbh: प्रयागराज महाकुंभ 2025 में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ के कारण प्रशासन को कई कड़े कदम उठाने पड़े हैं। महाकुंभ के प्रमुख स्नान पर्व मौनी अमावस्या से एक दिन पहले ही मेला क्षेत्र पूरी तरह से भर चुका था, और शहर की सड़कों पर भीड़ का दबाव था। होटल, लॉज, और धर्मशालाओं में जगह नहीं बची थी। मेला क्षेत्र में बढ़ती भीड़ को नियंत्रित करने के लिए प्रशासन ने सोमवार को सभी पांटून पुलों को बंद कर दिया। वर्तमान में, 30 में से केवल 3 पीपा पुल ही खोले गए हैं, जिससे श्रद्धालु परेशान हैं। उन्होंने 8 से 10 किलोमीटर पैदल चलकर संगम पहुंचने के बाद भी प्रशासन से लौटा दिया गया, जिसके कारण गुस्से का माहौल बन गया है।
अव्यवस्था सिर्फ़ श्रद्धालुओं को ही नहीं महाकुंभ प्रशासन और प्रबंधन में दिनरात लगे अधिकारियों और कर्मचारियों को भी थका रही है। उप्र की सरकार से सविनय निवेदन है कि हमारे अनुरोध को आलोचना न समझे बल्कि आस्थापूर्ण आग्रह मानते हुए तीर्थयात्रियों की सुविधाओं के लिए युद्ध स्तर पर प्रयास… pic.twitter.com/kbiLE4wZWx
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) January 27, 2025
पीपा पुलों के बंद होने से असंतोष
संगम नोज पर श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या के कारण मेला विकास प्राधिकरण ने 30 पीपा पुलों में से केवल 3 को ही खोला है। झूंसी से संगम और झूंसी से अरैल जाने के लिए केवल 15, 16 और 27 नंबर के पुल ही खोले गए हैं, जबकि अन्य पुल बंद कर दिए गए हैं। इससे श्रद्धालुओं में आक्रोश फैल गया है। कुछ श्रद्धालु संगम पर जाने के लिए 8-10 किलोमीटर पैदल चलकर पहुंचे, लेकिन उन्हें वापस लौटा दिया गया। सोमवार को पीपा पुल नंबर 7 पर जाने से रोका गया, जिससे लोग आक्रोशित हो गए और एसडीएम की गाड़ी पर हमला कर दिया। सोशल मीडिया पर इस घटना के कई वीडियो वायरल हो रहे हैं।
#WATCH | Prayagraj | Devotees continue to arrive at Maha Kumbh Mela Kshetra ahead of the second Amrit Snan of #MahaKumbh2025, tomorrow – 29th January on Mauni Amavasya
Over 15 crore devotees have taken holy dip so far at the world's biggest religious congregation that began on… pic.twitter.com/7aJEhyIc6X
— ANI (@ANI) January 28, 2025
वीआईपी ट्रीटमेंट पर सवाल
इस बीच, इलाहाबाद हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष अशोक सिंह ने पुलिस व्यवस्था पर सवाल उठाए। उन्हें परिचय देने के बावजूद अंदर नहीं जाने दिया गया, जिससे उन्होंने गुस्से में आकर प्रशासनिक अधिकारियों पर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि वीआईपी ट्रीटमेंट के कारण मेला की भव्यता प्रभावित हो रही है और इसे तुरंत बदलना चाहिए।
‘सभी श्रद्धालुओं को संगम में नहीं नहलाया जा सकता’
महाकुंभ नगर के एसएसपी राजेश द्विवेदी ने इस व्यवस्था का बचाव करते हुए कहा कि इसका उद्देश्य श्रद्धालुओं को सुरक्षित रूप से उनके शिविरों में भेजना है, ताकि संगम पर दबाव न बढ़े। उन्होंने स्पष्ट किया कि सभी 10 करोड़ श्रद्धालुओं को संगम में स्नान करने का प्रबंध करना संभव नहीं है, और इसीलिए पांटून पुलों को बंद किया गया है।