SC warning to Rahul Gandhi: सुप्रीम कोर्ट ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी को वीर सावरकर पर की गई टिप्पणी के मामले में सख्त लहजे में फटकार लगाई है। अदालत ने साफ कहा कि देश के स्वतंत्रता सेनानियों का मजाक नहीं उड़ाया जाना चाहिए। राहुल गांधी ने भारत जोड़ो यात्रा के दौरान सावरकर पर एक टिप्पणी की थी, जिसमें उन्होंने उन्हें अंग्रेजों से माफी मांगने वाला बताया था। इसी टिप्पणी के चलते उनके खिलाफ एक अधिवक्ता ने मानहानि का केस दर्ज कराया था।
शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में इस मामले की सुनवाई के दौरान राहुल गांधी के वकील अभिषेक मनु सिंघवी पेश हुए। कोर्ट ने उनसे पूछा कि क्या राहुल गांधी को यह जानकारी है कि महात्मा गांधी ने भी अंग्रेजों के साथ अपने पत्राचार में खुद को ‘आपका वफादार सेवक’ कहा था। ऐसे में केवल सावरकर को निशाना बनाना ऐतिहासिक तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर पेश करना है।
SC ने यह भी कहा कि वीर सावरकर जैसे महान स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदान को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। उनके योगदान की अवहेलना करना न केवल राष्ट्र की भावना के खिलाफ है, बल्कि यह जिम्मेदार नेतृत्व के सिद्धांतों के विपरीत भी है। अदालत ने राहुल गांधी को स्पष्ट रूप से कहा कि वे आगे से इस तरह की कोई भी टिप्पणी न करें, अन्यथा कोर्ट स्वत: संज्ञान लेकर सख्त कार्रवाई कर सकती है।
हालांकि, SC ने राहुल गांधी को फिलहाल राहत देते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट द्वारा जारी समन पर रोक लगा दी है। इसके साथ ही यूपी सरकार को भी नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया है। कोर्ट का यह रुख स्पष्ट करता है कि वह ऐतिहासिक विरासत और स्वतंत्रता सेनानियों के सम्मान को सर्वोपरि मानती है।
यह प्रकरण केवल एक कानूनी मामला नहीं, बल्कि एक राजनीतिक और सामाजिक संदेश भी है कि देश के इतिहास और उसमें शामिल नायकों के प्रति आदर अनिवार्य है। नेताओं को अपनी सार्वजनिक टिप्पणियों में जिम्मेदारी दिखानी चाहिए ताकि जनभावनाओं को ठेस न पहुंचे।