Ramgopal Yadav News: समाजवादी पार्टी के महासचिव रामगोपाल यादव ने विंग कमांडर व्योमिका सिंह को लेकर दिए अपने बयान पर उठे विवाद के बीच सफाई दी है। उन्होंने शुक्रवार सुबह सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर पोस्ट कर कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उनका पूरा बयान सुने बिना ही ट्वीट कर प्रतिक्रिया दे दी। साथ ही उन्होंने भाजपा सरकार पर जाति और धर्म के आधार पर भेदभाव करने के गंभीर आरोप लगाए।
Watch: Samajwadi Party MP Ram Gopal Yadav says, "…They didn’t even know who Vyomika Singh was or what her caste is, nor did they know about Air Marshal A.K. Bharti. Otherwise, they would’ve hurled abuses at them too. Let me tell you — Vyomika Singh is a ‘Jatav Chamar’ from… pic.twitter.com/Zj4n7VhKc4
— IANS (@ians_india) May 15, 2025
Ramgopal Yadav ने अपने पोस्ट में लिखा कि उत्तर भारत के कुछ राज्यों, खासकर उत्तर प्रदेश में, धर्म, जाति और वर्ग के आधार पर न केवल फर्जी मुकदमे दर्ज किए जा रहे हैं बल्कि एनकाउंटर, संपत्ति जब्ती और पोस्टिंग जैसे मामलों में भी भेदभाव किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि उनके बयान का उद्देश्य उन लोगों की मानसिकता को उजागर करना था जो नाम या पहचान देखकर अफसरों को गाली देते हैं।
उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि जब कर्नल सोफिया कुरैशी का नाम सामने आया तो उन्हें सिर्फ उनके धर्म के आधार पर निशाना बनाया गया। इसी तरह, विदेश सचिव विनय क्वात्रा मिस्त्री को भी गालियों का सामना करना पड़ा। रामगोपाल ने तर्क दिया कि अगर व्योमिका सिंह की जाति (जाटव) और एयर मार्शल अवधेश भारती की जाति (यादव) पहले से इन लोगों को पता चलती तो वे इन्हें भी नहीं छोड़ते।
उत्तर भारत के कुछ राज्यों में विशेषकर उत्तर प्रदेश में जहाँ धर्म, जाति और वर्ग देखकर लोगों पर फ़र्ज़ी मुकदमे लगाये जा रहे हों, जाति धर्म के आधार पर एनकाउंटर किये जा रहे हों, जाति धर्म के आधार पर गैंगस्टर लगा कर संपत्ति जब्त की जा रही हो, जाति धर्म और वर्ग देखकर महिलाओं पर…
— Prof. Ram Gopal Yadav (@proframgopalya1) May 16, 2025
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रामगोपाल यादव पर तीखा हमला करते हुए कहा था कि सेना की वर्दी को जाति के चश्मे से नहीं देखा जा सकता। उन्होंने इसे सेना का अपमान और समाजवादी पार्टी की संकुचित सोच का प्रतीक बताया था। इसके साथ ही डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य सहित अन्य भाजपा नेताओं ने भी रामगोपाल यादव की टिप्पणी की आलोचना की थी।
Ramgopal Yadav ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि उन्हें उन मीडिया चैनलों से कोई शिकायत नहीं है जो सत्ता पक्ष का पक्षधर बन गए हैं। लेकिन मुख्यमंत्री से उन्हें यह आशा नहीं थी कि वह बिना पूरा बयान समझे इतनी जल्दी प्रतिक्रिया देंगे।
इस विवाद ने सियासी गर्मी बढ़ा दी है और इसे लेकर भाजपा और सपा के बीच बयानबाज़ी का दौर जारी है।