kanpur News: कानपुर स्थित रिमझिम इस्पात समूह में Income Tax Department की जांच लगातार सातवें दिन भी जारी रही। सूत्रों के मुताबिक, अब तक की जांच में समूह की 500 करोड़ रुपये अघोषित का खुलासा हुआ है। इसके अलावा, लगभग 200-300 करोड़ रुपये की फर्जी बिक्री का भी पता चला है। स्टॉक मिलान के दौरान करीब 80 करोड़ रुपये का अंतर पाया गया है। इसके अलावा, माल मंगवाने के लिए एक ही बिल्टी का तीन बार उपयोग किया गया है। छापेमारी के दौरान पहले ही करीब पांच करोड़ रुपये के गहने और तीन करोड़ रुपये की नकदी बरामद हो चुकी है।
iPhone के पासवर्ड के लिए दिल्ली की क्लाउड कंपनी पर किया सर्वे
कंपनी के मालिक योगेश अग्रवाल और उनके दोनों बेटे iPhone का इस्तेमाल करते हैं। समूह के लोगों की ओर से iPhone का पासवर्ड नहीं बताने पर आयकर अफसरों ने दिल्ली की क्लाउड कंपनी पर सर्वे किया। वहां से पासवर्ड मिलने के बाद data cloning का काम शुरू किया गया है। ऐसे में कई राज और सामने आ सकते हैं। कर चोरी की रकम भी बढ़ सकती है। कानपुर में चार और दिल्ली में एक जगह अभी जांच चल रही है।
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सूत्रों ने बताया कि बोगस फर्मो के जरिए दो नंबर की कमाई को एक नंबर बनाया जा रहा था। दावा है कि 15 बोगस फर्मो के जरिए 200-300 करोड़ की बोगस बिक्री पकड़ी गई है। जांच के दौरान कंपनी के उत्पादन, बिक्री में बड़े स्तर पर गड़बड़ी मिली।
पूरे मामले में दिल्ली का कारोबारी भी शामिल
सूत्रों ने बताया कि इस पूरे मामले में अभी तक बोगस फर्मों से जुड़े 20 लोगों का पता चला है। इसमें दिल्ली का एक कारोबारी तो दूसरे व्यक्तियों के बैंक खाते का इस्तेमाल कर रहा था। इसके एवज में एक लाख रुपये महीना भुगतान कर रहा था। इस खाते का उपयोग बोगस खरीद और बिक्री की कमाई को एक नंबर की कमाई बनाने में किया जा रहा था। बता दें कि आयकर विभाग के 250 से ज्यादा अफसरों की अलग-अलग टीमों ने कंपनी के मालिक योगेश अग्रवाल के कानपुर स्थित आवास, कॉरपोरेट कार्यालय और उन्नाव, हमीरपुर की फैक्टरियों पर छापा मारा था।
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इसके अलावा कंपनी से जुड़े डीलरों के उत्तर प्रदेश, दिल्ली, पश्चिम बंगाल, हैदराबाद, कर्नाटक, हरियाणा, ओडिशा में 50 से ज्यादा प्रतिष्ठानों पर कार्रवाई की गई थी। अब केवल योगेश अग्रवाल के आवास, नवाबगंज स्थित कारपोरेट कार्यालय, फैक्टरियों और दिल्ली स्थित एक प्रतिष्ठान की जांच चल रही है।
तीन डायरियों ने खोले कई अहम राज
सूत्रों के मुताबिक छापे के दौरान income tax officers को तीन डायरियां मिली हैं। इनके जरिए कई राज सामने आए हैं। इसमें किन लोगों को भुगतान किया गया, किससे भुगतान लेना था जैसी जानकारियां मिली हैं। इन डायरियों में एक बिल्टी पर तीन बार सामान मंगाने की जानकारी मिली है। डायरियों में जिन-जिन लोगों के नाम और पते मिले हैं। वह भी आयकर की जांच के दायरे में आ गए हैं।
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