Rohini Ghavri News: भीम आर्मी चीफ और नगीना से सांसद चंद्रशेखर आजाद के खिलाफ मोर्चा खोले हुए पीएचडी स्कॉलर डॉ. रोहिणी घावरी ने अब अपने आरोपों की दिशा बदल दी है और सीधे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह पर निशाना साधा है।
चंद्रशेखर आजाद पर गंभीर आरोप लगाने वाली घावरी ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक विस्फोटक पोस्ट किया, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया कि उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज न होने के पीछे राजनीतिक दबाव है। उन्होंने तंज कसते हुए कहा, “कोई भी अपराधी नेता BJP को फायदा पहुंचाएगा तो उस पर मुकदमा नहीं होगा। ऐसा हमने सुना था, लेकिन आज देख भी रही हूँ।”
आदरणीय प्रधानमंत्री @narendramodi जी @AmitShah जी पूरे 5 महीने हो गए एक दलित बेटी FIR तक नहीं करा पाई आपके राज में !!
इसे आपकी सरकार की और देश के क़ानून व्यवस्था की विफलता समझी जाये ?
क्या इतना मुश्किल है एक स्वाभिमानी स्त्री का अपने देश में लड़ना ?
बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का नारा… pic.twitter.com/81se04P9Gj— Dr. Rohini Ghavari ( रोहिणी ) (@DrRohinighavari) October 13, 2025
PM मोदी और अमित शाह पर सवाल
स्विट्जरलैंड में रह रहीं Rohini Ghavri ने मोदी और शाह को टैग करते हुए सवाल किया कि पूरे पाँच महीने हो गए हैं, लेकिन उनके राज में एक दलित बेटी FIR तक नहीं करा पाई है। उन्होंने इस स्थिति को सरकार की और देश की कानून व्यवस्था की विफलता बताया। उन्होंने अपनी पीड़ा व्यक्त करते हुए पूछा, “क्या इतना मुश्किल है एक स्वाभिमानी स्त्री का अपने देश में लड़ना?”
घावरी ने ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’ के नारे की प्रासंगिकता पर सवाल उठाते हुए कहा कि जब बेटियों का सम्मान नहीं बचाया जा सकता, तो यह नारा किसलिए दिया गया था।
चंद्रशेखर आजाद के लिए ‘बुरे दिन’ की चेतावनी
इंदौर की मूल निवासी Rohini Ghavri ने चंद्रशेखर आजाद को लेकर अपनी लड़ाई जारी रखने की कसम खाई है। उन्होंने भावनात्मक पोस्ट में लिखा कि इस आदमी (चंद्रशेखर आजाद) ने उनसे उनके व्यक्तिगत जीवन का सुख-शांति छीनी है। इसलिए अब वह उसका राजनीतिक और सामाजिक सम्मान नहीं बचने देंगी।
Rohini Ghavri ने चेतावनी भरे लहजे में कहा, “1 साल बाद इसको कोई नहीं पूछेगा, देख लेना। इसके बुरे दिन शुरू हो चुके है।” घावरी ने कहा कि “औरत की बद्दुआ ने अच्छे-अच्छे साम्राज्य खत्म कर दिए, फिर इसकी औकात ही क्या है।”
अपने संघर्ष के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि एक लड़की से उसका सम्मान छीन लिया जाए तो उसके पास जीने के लिए क्या ही बचता है। उन्होंने स्पष्ट किया कि वह अब अपने साथ हुए विश्वासघात के लिए लड़ेगी, भले ही किसी का कितना भी नुकसान क्यों न हो। रोहिणी घावरी के ये तीखे और सीधे आरोप न सिर्फ चंद्रशेखर आजाद की राजनीतिक छवि को नुकसान पहुंचा रहे हैं, बल्कि FIR दर्ज न हो पाने के कारण देश की कानून-व्यवस्था पर भी गंभीर सवाल खड़े कर रहे हैं।