Sambhal Jama Masjid survey: संभल जिले की शाही जामा मस्जिद के सर्वेक्षण की रिपोर्ट अब लगभग पूरी हो चुकी है और इसे जनवरी के पहले हफ्ते में अदालत में पेश किया जाएगा। एडवोकेट कमिश्नर रमेश सिंह राघव ने मंगलवार को बताया कि रिपोर्ट अंतिम चरण में है और कुछ तकनीकी समस्याओं का समाधान आज ही कर लिया जाएगा। उच्चतम न्यायालय ने 6 जनवरी तक इस मामले में कोई कार्रवाई न करने का आदेश दिया है, ऐसे में सर्वेक्षण रिपोर्ट इस तिथि से पहले अदालत में दाखिल की जाएगी।
इस मामले में विवाद तब बढ़ा जब 19 नवंबर को स्थानीय अदालत ने हिंदू पक्ष की याचिका पर विचार करते हुए एकपक्षीय आदेश पारित किया, जिसमें यह दावा किया गया था कि शाही जामा मस्जिद का निर्माण मुग़ल सम्राट बाबर ने 1526 में एक मंदिर को ध्वस्त करके किया था। अदालत ने इस दावे के आधार पर मस्जिद के सर्वेक्षण के लिए आदेश जारी किए थे।
Sambhal सर्वेक्षण के दौरान हुई हिंसा
Sambhal सर्वेक्षण के दौरान 24 नवंबर को भारी विरोध प्रदर्शन हुआ, जिसमें स्थानीय लोग सुरक्षाकर्मियों से भिड़ गए। यह झड़प बहुत हिंसक हो गई, जिससे चार लोगों की मौत हो गई और कई लोग घायल हो गए। इस घटना के बाद सुप्रीम कोर्ट ने 29 नवंबर को संभल की सुनवाई अदालत से इस मामले में कोई और कार्यवाही करने से रोकने का आदेश दिया। इसके साथ ही, प्रदेश सरकार को हिंसा प्रभावित क्षेत्र में शांति और सद्भाव बनाए रखने का निर्देश दिया गया।
कोर्ट में पेशी और आगे की प्रक्रिया
एडवोकेट कमिश्नर रमेश सिंह राघव ने यह भी बताया कि सर्वेक्षण रिपोर्ट अब अंतिम रूप से तैयार हो चुकी है और इसे 2 या 3 जनवरी को अदालत में पेश किया जाएगा। रिपोर्ट के दाखिल होने के बाद अदालत की आगे की कार्यवाही का निर्धारण किया जाएगा। उच्चतम न्यायालय के आदेश के अनुसार, 6 जनवरी तक इस मामले में कोई और कार्रवाई नहीं की जाएगी।
इस सर्वेक्षण और उससे जुड़े विवाद ने साम्प्रदायिक तनाव को बढ़ा दिया है, और यह मुद्दा राज्य सरकार के लिए एक बड़ी चुनौती बन गया है। अब देखना यह होगा कि अदालत इस मामले में क्या फैसला देती है और आगे की प्रक्रिया किस दिशा में जाती है।
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