SP MP Ziaur Rahman Barq: संभल में समाजवादी पार्टी (सपा) के सांसद जियाउर्रहमान बर्क के खिलाफ अवैध निर्माण मामले में प्रशासन ने सख्त रुख अपनाया है। उपजिलाधिकारी (एसडीएम) कोर्ट ने सांसद पर 1.35 लाख रुपये का जुर्माना लगाते हुए उन्हें 30 दिनों के भीतर अवैध हिस्से को स्वयं हटाने का निर्देश दिया है। मामला दीपा सराय क्षेत्र के उनके मकान से जुड़ा है, जहां बिना नक्शा पास कराए निर्माण किया गया था। जांच में पाया गया कि मकान के फ्रंट सेटबैक में दीवार, कॉलम और छत जैसी संरचनाएं नियमों के विपरीत खड़ी की गईं, जो उत्तर प्रदेश रेगुलेशन ऑफ बिल्डिंग ऑपरेशन एक्ट 1958 का उल्लंघन है। प्रशासन ने चेतावनी दी है कि यदि तय समय में निर्माण नहीं हटाया गया, तो धारा 10 के तहत बुलडोजर से ध्वस्तीकरण होगा।
यह विवाद 5 दिसंबर 2023 को शुरू हुआ, जब प्रशासन ने पहला नोटिस जारी किया था। कई सुनवाइयों और नोटिसों के बावजूद न तो संशोधित नक्शा जमा हुआ और न ही निर्माण कार्य रोका गया। लगभग 250 दिन चली सुनवाई के बाद, 11 अगस्त 2025 को एसडीएम विकास चंद्र ने अंतिम आदेश दिया। कोर्ट ने मकान के एक हिस्से (1 मीटर गहराई और 14 मीटर लंबाई) को अवैध घोषित कर दिया। साथ ही, संशोधित नक्शे को स्वीकार करने के लिए 5,707 रुपये शमन शुल्क, निर्माण कार्य न रोकने पर 10,000 रुपये जुर्माना और नोटिस के बाद से आदेश की तिथि तक 500 रुपये प्रतिदिन की दर से 1.25 लाख रुपये अतिरिक्त दंड लगाया गया।
12 अगस्त 2025 को जारी अंतिम नोटिस में सांसद को 30 दिन की समय सीमा दी गई, जिसमें नीचे के फ्लोर का हॉल और ऊपरी मंजिल का हिस्सा हटाना अनिवार्य है। तय अवधि में कार्रवाई न होने पर प्रशासन खुद ध्वस्तीकरण करेगा। एसडीएम ने कहा कि यह कार्रवाई कानून के समक्ष समानता का संदेश देती है।
SP MP Ziaur Rahman Barq पहले भी विवादों में रहे हैं। बिजली चोरी के मामले में उन पर 1.91 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया जा चुका है, जिसकी सुनवाई 22 फरवरी 2025 को होगी। 24 नवंबर 2024 की हिंसा के बाद से वे राजनीतिक और प्रशासनिक चर्चा के केंद्र में हैं। सोशल मीडिया पर इस कार्रवाई को लेकर मतभेद हैं—कुछ लोग इसे कानून का पालन बताते हैं, तो कुछ इसे राजनीतिक प्रतिशोध मानते हैं।
प्रशासन का कहना है कि कई नोटिसों के बावजूद सांसद SP MP Ziaur Rahman Barq ने नियमों का पालन नहीं किया, इसलिए जुर्माना बढ़ता गया। अब 30 दिनों में उनके अगले कदम और प्रशासन की कार्रवाई पर सभी की नजरें टिकी हैं, क्योंकि यह मामला कानूनी और राजनीतिक दोनों मोर्चों पर असर डाल सकता है।