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Wednesday, August 6, 2025
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राजनीति के धुरंधर Satypal Malik का निधन, जम्मू-कश्मीर से लेकर किसान आंदोलन तक रही चर्चा

Satypal Malik Passed: अनुभवी राजनेता और जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक का मंगलवार, 5 अगस्त 2025 को निधन हो गया। 79 वर्ष की आयु में दोपहर 1:20 बजे उन्होंने अंतिम सांस ली। उनके निधन से राजनीतिक जगत और उनके समर्थकों में शोक की लहर दौड़ गई है। मलिक का जन्म 24 जुलाई 1946 को उत्तर प्रदेश के बागपत जिले के हिसवाड़ा गांव में हुआ था। उन्होंने छात्र नेता से लेकर विभिन्न राज्यों के राज्यपाल तक का एक लंबा और प्रभावशाली सफर तय किया।

एक लंबा और बेबाक राजनीतिक सफर

मलिक के राजनीतिक करियर की शुरुआत 1968-69 में मेरठ विश्वविद्यालय के छात्रसंघ अध्यक्ष के रूप में हुई। इसके बाद, उन्होंने 1974-77 तक उत्तर प्रदेश विधानसभा के सदस्य के रूप में काम किया। 1980 से 1989 तक वे राज्यसभा में उत्तर प्रदेश का प्रतिनिधित्व करते रहे और 1989-91 में जनता दल के सांसद के रूप में 9वीं लोकसभा के लिए चुने गए।

राजनीति में सक्रिय रहने के बाद उन्होंने प्रशासनिक पदों पर भी अपनी पहचान बनाई। मलिक ने अक्टूबर 2017 से अगस्त 2018 तक बिहार के राज्यपाल के रूप में कार्य किया। इसी दौरान, मार्च से मई 2018 तक उन्होंने ओडिशा का अतिरिक्त प्रभार भी संभाला। अगस्त 2018 में वे जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल बने, जहाँ उनका कार्यकाल ऐतिहासिक था। उनके कार्यकाल में ही 5 अगस्त 2019 को जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को निरस्त करने का ऐतिहासिक निर्णय लिया गया, जो भारतीय राजनीति में एक महत्वपूर्ण मोड़ था।1 बाद में, उन्होंने गोवा और मेघालय के राज्यपाल के रूप में भी सेवा दी।

बेबाक बयान और विवाद

अपने पूरे करियर में, Satypal Malik अपनी बेबाक टिप्पणियों के लिए जाने जाते थे। हाल ही में, वे किरू जलविद्युत परियोजना से जुड़े भ्रष्टाचार के मामले में सीबीआई जांच का सामना कर रहे थे। उन्होंने हमेशा अपनी ईमानदारी और पारदर्शिता का दावा किया।

मलिक ने 2021 के किसान आंदोलन का खुलकर समर्थन किया था, जिसने उन्हें सरकार के खिलाफ एक मुखर आवाज के रूप में स्थापित किया। इसके अलावा, उन्होंने 2019 के पुलवामा हमले के संबंध में खुफिया विफलताओं पर भी सवाल उठाए थे, जिससे वे राष्ट्रीय बहस का हिस्सा बन गए थे। उनके इन बयानों ने उन्हें राजनीतिक हलकों में एक अद्वितीय पहचान दिलाई।

परिवार और अंतिम संस्कार

Satypal Malik के निधन की खबर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर सबसे पहले आई, जहाँ कई उपयोगकर्ताओं ने उनके निधन की पुष्टि की और उन्हें श्रद्धांजलि दी। उनके परिवार में उनकी पत्नी, इकबाल मलिक, जो एक शिक्षिका और पर्यावरणविद् हैं, और उनका बेटा, देव कबीर, जो एक ग्राफिक डिजाइनर हैं, शामिल हैं। उनका अंतिम संस्कार कल, 6 अगस्त 2025 को किया जाएगा। उनके निधन पर विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं और उनके समर्थकों ने गहरा दुख व्यक्त किया है, जिन्होंने उन्हें एक अनुभवी और निष्ठावान प्रशासक बताया है। देश ने एक ऐसा नेता खो दिया है जिसने अपने जीवनकाल में कई महत्वपूर्ण राजनीतिक और प्रशासनिक पदों पर कार्य किया।

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