Siddharthnagar News: उत्तर प्रदेश के Siddharthnagar जिले के इटवा तहसील में स्थित अल फारूक इंटर कॉलेज के प्रबंधक मौलाना शब्बीर अहमद को धर्म परिवर्तन के गंभीर आरोपों में गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है। यह मामला तब सामने आया जब स्थानीय निवासी अखंड प्रताप सिंह ने इटवा थाने में शिकायत दी, जिसमें मौलाना पर नौकरी देने के नाम पर जबरन धर्म बदलवाने का आरोप लगाया गया।
शिकायतकर्ता अखंड प्रताप का दावा है कि वर्ष 2020 में वह कॉलेज में लिपिक पद के लिए नियुक्त हुए थे। कुछ समय बाद, मौलाना शब्बीर ने उन्हें एक सादे स्टांप पेपर पर हस्ताक्षर करने को कहा और कथित तौर पर धर्म परिवर्तन का दबाव डाला। उन्होंने कहा कि मौलाना ने अरब देशों के किसी व्यक्ति से फोन पर बात कराई और लाखों रुपये का लालच भी दिया। उनका यह भी आरोप है कि नोटरी में उनका नाम बदलकर “इमरान खान” कर दिया गया, जिसकी प्रति उनके पास मौजूद है।
अखंड प्रताप ने यह भी दावा किया कि मौलाना के संबंध कथित धर्मांतरण रैकेट के मास्टरमाइंड जलालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा से हैं, जिनका नाम उत्तर प्रदेश और हरियाणा में कई विवादित मामलों में सामने आया है। हालांकि यह घटना वर्ष 2020 की बताई गई है, लेकिन शिकायत अब 2025 में दर्ज कराई गई है, जिससे कई सवाल खड़े हो रहे हैं।
दूसरी ओर, अल फारूक कॉलेज के हिंदू और मुस्लिम शिक्षकों ने अखंड के सभी आरोपों को निराधार बताया है। उनका कहना है कि स्कूल में कभी भी धर्म परिवर्तन जैसी कोई गतिविधि नहीं हुई और संस्थान में सभी समुदायों के लोग सौहार्दपूर्वक कार्य करते हैं। कुछ हिंदू शिक्षकों ने वर्षों से यहां नौकरी कर रहे होने का हवाला देते हुए आरोपों को पूरी तरह खारिज किया।
23 जुलाई 2025 को पुलिस ने करही गांव से मौलाना को गिरफ्तार किया और उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म परिवर्तन प्रतिषेध अधिनियम, 2021 के तहत मामला दर्ज किया गया। हालांकि वरिष्ठ अधिकारी इस पर सार्वजनिक रूप से कुछ भी कहने से बच रहे हैं।
सोशल मीडिया पर इस मुद्दे को लेकर तीखी बहस छिड़ी है। कुछ लोग शिकायतकर्ता के समर्थन में हैं तो कुछ मौलाना की गिरफ्तारी को बिना ठोस सबूत के जल्दबाज़ी बता रहे हैं।
फिलहाल Siddharthnagar पुलिस मामले की गहन जांच कर रही है और सच सामने आने की प्रतीक्षा है।