spot_img
Tuesday, October 14, 2025
More
    -विज्ञापन-

    More From Author

    केस्को कर्मियों के घरों में लगेगा स्मार्ट मीटर, बिजली खपत पर रखी जाएगी पैनी नजर

    Kanpur : बिजली का मिनिमम चार्ज देकर अंधाधुंध बिजली का प्रयोग करने वाले केस्को कर्मियों को जल्द ही स्मार्ट मीटर का झटका लगने वाला है। कानपुर में केस्को अधिकारियों ने प्रथम चरण में केस्को कर्मचारियों के आवासों पर तीन फेज के पांच सौ स्मार्ट मीटर लगाने की योजना तैयार की है। स्मार्ट मीटर लगने पर कर्मी अंधाधुंध बिजली का इस्तेमाल नहीं कर पाएंगे। उनको भी पूरा बिल जमा करना होगा। कानपुर विद्युत आपूर्ति कंपनी के शहर में साढ़े सात लाख उपभोक्ता हैं, जिनमे से एक लाख 52 हजार लोग स्मार्ट मीटर धारक हैं, लेकिन केस्को कर्मियों व अभियंताओं के आवासों पर स्मार्ट मीटर नहीं लगे हैं। केस्को में करीब 1100 कर्मी हैं, जिनमें अधिकारियों के साथ ही इंजीनियर और सबस्टेशन के कर्मचारी शामिल हैं।

    417 रुपये प्रतिमाह शुल्क देकर करते हैं असीमित बिजली खर्च….

    वर्तमान में तृतीय और चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारी केवल 417 रुपये प्रतिमाह का शुल्क देकर असीमित बिजली खर्च कर सकते हैं। वहीं, अधीक्षण अभियंता से लेकर अवर अभियंता 890 से 1560 रुपये का फिक्स चार्ज देकर बिजली खर्च का लाभ लेते हैं। इसके साथ ही एसी घर पर लगाने पर साढ़े छह सौ रुपये प्रतिमाह अतिरिक्त देना होता है।

    इनमें से कुछ कर्मी व अधिकारी बिजली का अंधाधुंध प्रयोग भी करते हैं, जिसपर अब रोक लग सकेगी। इस संबंध में केस्को मीडिया प्रभारी श्रीकांत रंगीला के मुताबिक पहला स्मार्ट मीटर प्रबंधक निदेशक के लाइट हाउस में लगाया जाएगा। पहले चरण में तीन फेज के पांच सौ मीटर लगाए जाएंगे।

    आगामी सप्ताह में 10 हजार से ज्यादा स्मार्ट मीटर की आपूर्ति जीनस कंपनी करेगी। बिजली विभाग के अधिकारियों और कर्मियों को घर में कितनी बिजली खर्च हो रही है, उसका भी डेटा अब रखा जाएगा। स्मार्ट मीटर लगने से खर्च हो रही बिजली का सटीक डेटा रखा जा सकेगा और राजस्व भी बढ़ेगा।

    अधिकारियों व कर्मियों को इतना देना होता बिजली खर्च……

    पद और फिक्स-चार्ज

    मुख्य अभियंता- 1,766
    अधीक्षण अभियंता- 1,560
    अधिशासी अभियंता- 1,137
    सहायक अभियंता- 1,057
    अवर अभियंता- 890
    बाबू, लाइनमैन, एसएसओ- 524
    चतुर्थ श्रेणी कर्मी- 417

    1906 में पहले पहली बार जले थे बल्ब……

    शहर में 25 दिसंबर 1906 को इंडियन इलेक्ट्रिक सप्लाई एंड ट्रैक्शन कंपनी ने क्रिसमस के दिन पहली बार बिजली आपूर्ति शुरू की थी। सबसे पहले गिरजाघरों और यूरोपीय परिवारों के आवासों में बिजली जली थी। विद्युत कर्मी संगठन के पदाधिकारी भगवान मिश्रा के मुताबिक अंग्रेजों के जमाने में विभाग का मुखिया जिस आवास में रहता था, उसे लाइट हाउस के नाम से जाना जाता था। अब भी यही नाम कायम है।

    Latest Posts

    -विज्ञापन-

    Latest Posts