Sultanpur road project dispute: उत्तर प्रदेश के सुलतानपुर जिले में सड़क निर्माण परियोजना को लेकर बड़ा विवाद सामने आया है। स्थानीय स्तर पर काम कर रही सिद्धार्थ इन्फ्राहाइट प्राइवेट लिमिटेड ने सदर विधायक राज बाबू उपाध्याय और उनके सहयोगियों पर गंभीर आरोप लगाए हैं। कंपनी का कहना है कि विधायक ने सड़क निर्माण कार्य शुरू करने के बदले 25 लाख रुपये की मांग की, और जब यह रकम देने से इंकार कर दिया गया, तो कंपनी के मैनेजर और कर्मचारियों के साथ बदसलूकी व मारपीट की गई। कंपनी की डायरेक्टर ने पुलिस अधीक्षक को लिखित शिकायत देकर एफआईआर दर्ज करने तथा सुरक्षा उपलब्ध कराने की मांग की है।
सिद्धार्थ इन्फ्राहाइट प्राइवेट लिमिटेड को लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) से वित्तीय वर्ष 2024-25 में विरसिंहपुर-पापरघाट शाहपुर हरवंशपुर मार्ग के चौड़ीकरण और सुदृढ़ीकरण का ठेका मिला था। यह सड़क बाबा चौरासी आश्रम धाम तक जाती है और इसे 12 महीने के भीतर पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। कंपनी का आरोप है कि इसी प्रोजेक्ट में विधायक ने हस्तक्षेप किया।
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शिकायत पत्र में कहा गया है कि 16 अगस्त 2025 को विधायक राज बाबू उपाध्याय ने कंपनी के मैनेजर अनिल वर्मा को अपने पास बुलाकर 25 लाख रुपये की मांग की। कंपनी ने इस पर असहमति जताई तो अगले ही दिन यानी 17 अगस्त को विधायक के सहयोगी भूपेंद्र पांडेय, सर्वेश मिश्रा, आलोक पांडेय, सीटू पांडेय और उनके साथ 10-15 लोग निर्माण स्थल पर पहुंचे। आरोप है कि इन लोगों ने कर्मचारियों के साथ हाथापाई की, मैनेजर का मोबाइल छीन लिया और उनके पास से 1.5 लाख रुपये नकद भी जबरन ले लिए। साथ ही, चेतावनी दी गई कि जब तक विधायक द्वारा मांगी गई रकम नहीं दी जाती, तब तक सड़क का काम आगे नहीं बढ़ने दिया जाएगा।
कंपनी की डायरेक्टर ने बताया कि घटना की जानकारी तुरंत 112 नंबर पर पुलिस को दी गई और इसके बाद औपचारिक शिकायत Sultanpur पुलिस अधीक्षक को सौंप दी गई। उन्होंने आरोप लगाया कि यह सिर्फ कंपनी के कामकाज पर हमला नहीं है, बल्कि उनके परिवार और कर्मचारियों की सुरक्षा के लिए भी गंभीर खतरा है।
इस पूरे प्रकरण के सामने आने के बाद जिले की राजनीति में हलचल मच गई है। आरोपों के चलते विधायक राज बाबू उपाध्याय की भूमिका सवालों के घेरे में है। कंपनी का कहना है कि जब तक उन्हें Sultanpur पुलिस सुरक्षा और न्याय नहीं मिलता, तब तक निर्माण कार्य आगे बढ़ाना मुश्किल होगा। अब देखना यह होगा कि Sultanpur पुलिस इस मामले में क्या कदम उठाती है और क्या वास्तव में आरोपियों पर एफआईआर दर्ज होती है या नहीं।