Uttar Pradesh: उत्तराखंड के बाद अब उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में भी यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC) लागू करने की संभावना जताई जा रही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में प्रयागराज महाकुंभ में एक महत्वपूर्ण कैबिनेट बैठक हो रही है जिसमें UCC से जुड़ी अहम घोषणाएं हो सकती हैं। सूत्रों के अनुसार इस बैठक में कई प्रस्तावों पर चर्चा की जाएगी और मंजूरी दी जा सकती है।
बैठक में योगी सरकार के सभी कैबिनेट मंत्री और स्वतंत्र प्रभार राज्य मंत्रियों को शामिल किया गया है। 2019 में भी योगी सरकार ने प्रयागराज में कैबिनेट बैठक आयोजित की थी और अब यह बैठक फिर से महाकुंभ में हो रही है जिसमें UCC पर चर्चा के आसार हैं।
क्या है यूनिफॉर्म सिविल कोड?
यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC) का मतलब है कि पूरे देश में सभी धर्म, जाति, संप्रदाय और वर्ग के लिए एक समान नियम लागू होंगे। दूसरे शब्दों में समान नागरिक संहिता का उद्देश्य यह है कि यदि किसी राज्य (Uttar Pradesh) में सिविल कोड लागू किया जाता है तो विवाह, तलाक, बच्चे को गोद लेने और संपत्ति के वितरण जैसे महत्वपूर्ण विषयों में सभी नागरिकों के लिए एक जैसा कानून होगा। यह कानून देश के हर नागरिक के लिए समान होगा चाहे उनका धर्म, जाति या सामाजिक स्थिति कुछ भी हो।
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उत्तर प्रदेश में क्या बदलेगा?
यदि उत्तर प्रदेश में यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू होता है तो इससे राज्य में सभी धर्मों और समुदायों के लिए एक समान कानून बनेगा। उत्तराखंड देश का पहला राज्य है जिसने समान नागरिक संहिता को लागू किया है। 2022 के विधानसभा चुनाव से पहले, धामी सरकार ने इस पहल की घोषणा की थी। अब उत्तर प्रदेश में भी इस संबंध में हलचल तेज हो गई है और UCC को लेकर चर्चा बढ़ गई है। उत्तर प्रदेश में यूनिफॉर्म सिविल कोड के लागू होने से राज्य के नागरिकों के लिए कानून में समानता आएगी और इससे समाज के हर वर्ग को समान अधिकार और अवसर मिलने की संभावना है।