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Wednesday, September 3, 2025
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UP में आउटसोर्स कर्मचारियों की सैलरी 16 हजार से कम नहीं, योगी सरकार का बड़ा फैसला

UP outsourced employees: उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने राज्य के लाखों आउटसोर्स कर्मचारियों को बड़ी राहत देने के लिए एक अहम कदम उठाया है। मंगलवार को हुई कैबिनेट बैठक में यह निर्णय लिया गया कि अब राज्य के विभिन्न विभागों और संस्थानों में कार्यरत आउटसोर्स कर्मचारियों को न्यूनतम ₹16,000 और अधिकतम ₹20,000 मासिक मानदेय दिया जाएगा। इस प्रस्ताव के साथ ही कर्मचारियों की सेवा शर्तों में सुधार और नियुक्तियों में आरक्षण बढ़ाने के फैसले को भी मंजूरी दी गई।

राज्य के वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने बताया कि आउटसोर्स कर्मचारियों की सेवाओं का प्रबंधन उत्तर प्रदेश आउटसोर्सिंग सेवा निगम के माध्यम से होगा। यह निगम कंपनी अधिनियम, 2013 की धारा 8 के तहत गठित एक गैर-लाभकारी सार्वजनिक कंपनी है। सेवा प्रदाताओं का चयन अब सरकारी ई-मार्केटप्लेस (GeM) पोर्टल के जरिए किया जाएगा, जिससे भर्ती प्रक्रिया अधिक पारदर्शी और व्यवस्थित होगी।

26 दिन का कार्यकाल और तीन साल की नियुक्ति

नए नियमों के अनुसार, आउटसोर्स कर्मचारियों को प्रति माह 26 कार्य दिवस के लिए नियुक्त किया जाएगा। उनका वेतन सीधे 1 से 5 तारीख के बीच उनके बैंक खातों में ट्रांसफर होगा, जिससे अब बिचौलियों की भूमिका समाप्त हो जाएगी। इसके अलावा, कर्मचारियों की नियुक्ति अवधि तीन साल की होगी। सरकार ने यह भी घोषणा की कि सेवा के दौरान किसी कर्मचारी की मृत्यु होने पर परिवार को ₹15,000 अंतिम संस्कार सहायता राशि दी जाएगी।

आरक्षण और पारदर्शिता पर जोर

UP सरकार ने आउटसोर्स नियुक्तियों में आरक्षण नीति लागू करने का भी निर्णय लिया है। इसमें अनुसूचित जाति/जनजाति (SC/ST), अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC), दिव्यांगजन, पूर्व सैनिक, स्वतंत्रता सेनानियों के आश्रित और महिलाएं शामिल होंगी।

पहले आउटसोर्स कर्मचारियों का मानदेय सेवा प्रदाता कंपनियों के खाते में जाता था, जिससे कर्मचारियों को समय पर पूरा वेतन नहीं मिलता था। अब सरकार ने व्यवस्था बदल दी है और मानदेय सीधे कर्मचारियों के खाते में भेजा जाएगा। इससे वेतन भुगतान में पारदर्शिता आएगी और कर्मचारियों को समय पर पूरा लाभ मिलेगा।

UP सरकार का यह कदम लाखों आउटसोर्स कर्मचारियों के लिए आर्थिक राहत लेकर आया है। नई सैलरी संरचना, आरक्षण और पारदर्शी भुगतान व्यवस्था से कर्मचारियों को न केवल बेहतर कार्य वातावरण मिलेगा, बल्कि उनकी वित्तीय सुरक्षा भी सुनिश्चित होगी।

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