spot_img
Wednesday, October 1, 2025
-विज्ञापन-

More From Author

7,211 करोड़ का खजाना खुलेगा वारिसों के लिए, यूपी के लाखों खाते-लॉकर परिजनों को मिलेंगे आसानी से

UP bank accounts RBI guidelines: उत्तर प्रदेश में लंबे समय से निष्क्रिय पड़े बैंक खाते और लॉकर अब अपने असली हकदारों तक पहुँच पाएंगे। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने नई गाइडलाइन जारी कर दी है, जिसके अनुसार 31 मार्च 2026 तक सभी बैंकों को इस व्यवस्था को लागू करना होगा। इसका फायदा उन परिवारों को होगा जिनके अपनों की मृत्यु के बाद बैंक खातों या लॉकरों तक पहुँचने में कानूनी अड़चनें आ रही थीं।

प्रदेश में करीब 2.81 करोड़ खाते ऐसे हैं जिनमें पिछले दस वर्षों से कोई लेन-देन नहीं हुआ। इन निष्क्रिय खातों में 7,211 करोड़ रुपये की भारी राशि जमा है, जिसे आरबीआई के पास (UP) स्थानांतरित कर दिया गया था। इसके साथ ही, लगभग एक लाख लॉकर ऐसे भी हैं जिनका कोई वारिस सामने नहीं आया। पहले इन पर दावा करने के लिए उत्तराधिकार प्रमाणपत्र, वसीयत या अदालत का आदेश जरूरी होता था। यह प्रक्रिया बेहद लंबी और जटिल थी।

Badaun में MBBS छात्रों की गुंडागर्दी, नर्सिंग स्टाफ से मारपीट पर FIR

नई गाइडलाइन के अनुसार अब नामांकन या सर्वाइवर वाले (UP) खातों में दावा करना आसान होगा। सिर्फ मृत्यु प्रमाणपत्र और पहचान पत्र के आधार पर ही दावे निपटाए जाएंगे। सहकारी बैंकों में 5 लाख रुपये तक और अन्य बैंकों में 15 लाख रुपये तक के दावों का निपटारा क्लेम फार्म, मृत्यु प्रमाणपत्र और शपथपत्र से किया जा सकेगा।

लॉकर और सेफ कस्टडी की स्थिति में, यदि नामांकित व्यक्ति मौजूद है तो सीधे उसे चाबी सौंपी जाएगी। वहीं, यदि नामांकन नहीं है तो बैंक अधिकारी और दो गवाहों की मौजूदगी में लॉकर का इन्वेंटरी तैयार किया जाएगा। दस्तावेज पूरे होने के 15 दिन में दावे का निपटारा अनिवार्य होगा। देरी होने पर बैंकों को जमा खातों पर 4% ब्याज और लॉकर के मामलों में प्रतिदिन 5,000 रुपये का मुआवजा देना होगा।

आरबीआई की इस पहल से लाखों परिवारों को बड़ी राहत मिलेगी। अब परिजनों को अदालतों और बैंकों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे और वर्षों से अटकी रकम तथा बहुमूल्य सामान तक उनकी आसानी से पहुँच बन सकेगी।

 

Latest Posts

-विज्ञापन-

Latest Posts