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Thursday, August 28, 2025
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UP जनगणना-2026: अक्टूबर-नवंबर में होगी फुल ड्रेस रिहर्सल, प्री-टेस्ट से परखी जाएंगी तैयारियां

UP Census 2026: उत्तर प्रदेश में जनगणना-2026 कई बड़े बदलावों के साथ होने जा रही है। इस बार प्रक्रिया में तकनीक, रियल टाइम डेटा कलेक्शन, मोबाइल ऐप, स्वगणना की सुविधा और जाति आधारित सवाल शामिल होंगे। इन बदलावों को सफलतापूर्वक लागू करने के लिए केंद्र और राज्य सरकार दोनों सतर्क हैं। इसी कड़ी में अक्टूबर-नवंबर 2025 में ग्रामीण और शहरी इलाकों में प्री-टेस्ट के रूप में फुल ड्रेस रिहर्सल कराई जाएगी, ताकि असल जनगणना से पहले हर स्तर की तैयारी का वास्तविक आकलन हो सके।

प्री-टेस्ट के लिए क्षेत्रों का चयन

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने जनगणना आयुक्त मृत्युंजय कुमार नारायण की ओर से यूपी के मुख्य सचिव एसपी गोयल को पत्र भेजकर प्री-टेस्ट की तैयारी को लेकर निर्देश दिए हैं। प्री-टेस्ट के लिए प्रदेश के तीन क्षेत्रों का चयन किया गया है। इनमें बुलंदशहर के अनूपशहर तहसील के 106 गांव, बहराइच के मिहींपुरवा ब्लॉक के 54 ग्रामीण क्षेत्र और प्रयागराज के 7 शहरी वार्ड शामिल हैं। केंद्र सरकार से जल्द ही इस संबंध में नोटिफिकेशन जारी होगा, जिसके बाद प्रदेश सरकार अपनी अधिसूचना भी जारी करेगी।

5 लाख से अधिक कर्मचारी होंगे तैनात

UP Census 2026 के पहले चरण के तहत अप्रैल से सितंबर 2026 के बीच हाउस सर्वे होगा, जबकि फरवरी 2027 में अंतिम जनगणना होगी। इस प्रक्रिया में यूपी के 5 लाख से अधिक अधिकारी-कर्मचारी शामिल होंगे। प्री-टेस्ट के दौरान शिक्षकों, सरकारी और अर्द्धसरकारी कर्मचारियों को संगणक और पर्यवेक्षक की जिम्मेदारी दी जाएगी। साथ ही, तहसीलदार, बीडीओ, नगर आयुक्त और पालिकाओं के ईओ चार्ज ऑफिसर की भूमिका निभाएंगे। खास बात यह है कि प्री-टेस्ट में संगणक पदों पर 25 से 50% महिला कर्मचारियों की नियुक्ति अनिवार्य की गई है। इसमें शामिल सभी कर्मचारियों को मानदेय भी दिया जाएगा।

तकनीक से होगी सटीक जनगणना

इस बार UP Census 2026 में पहली बार मोबाइल ऐप के जरिए रियल टाइम डेटा कलेक्शन किया जाएगा। नागरिकों को स्वगणना की सुविधा भी दी जाएगी, जिससे वे स्वयं अपने डेटा को ऑनलाइन भर सकेंगे। प्री-टेस्ट में इन तकनीकी सुविधाओं की परख की जाएगी। इसके साथ ही, प्रस्तावित सवालों की प्रभावशीलता, डेटा कलेक्शन की प्रक्रिया, कर्मचारियों के प्रशिक्षण, संसाधनों की उपलब्धता और डेटा की गुणवत्ता का भी मूल्यांकन होगा।

जनगणना-2026 देश की सबसे बड़ी डेटा कलेक्शन प्रक्रिया होने वाली है। अक्टूबर-नवंबर में होने वाला प्री-टेस्ट तकनीकी और प्रशासनिक दृष्टि से बेहद अहम है। इसका उद्देश्य है कि असली जनगणना के समय किसी भी प्रकार की समस्या न रहे और यूपी की जनगणना त्रुटिरहित पूरी की जा सके।

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