Rahul Gandhi News: कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने शुक्रवार को उत्तर प्रदेश के रायबरेली में भीड़ हिंसा में मारे गए दलित हरिओम वाल्मीकि के परिजनों से मिलने के लिए फतेहपुर का दौरा किया। यह मुलाकात राजनीतिक रूप से काफी अहम रही क्योंकि राहुल गांधी के पहुंचने से पहले ही हरिओम के परिवार का एक बयान वायरल हो गया था, जिसमें उन्होंने किसी भी राजनीतिक मुलाकात से स्पष्ट इनकार कर दिया था। इस बयान में कहा गया था कि परिवार पुलिस की अब तक की गई कार्रवाई से संतुष्ट है और वे राजनीति नहीं चाहते। यहां तक कि राहुल गांधी के आने से पहले इलाके में कुछ विरोध में पोस्टर भी देखे गए थे।
#WATCH | Fatehpur, UP | Lok Sabha LoP Rahul Gandhi says, "… This morning, the governemnt threatened the family against meeting me… It's not important whether the victims' family meets me or not, but what is important is that these people are not criminals. They have committed… pic.twitter.com/tWDHhCUwdL
— ANI (@ANI) October 17, 2025
न्याय का आश्वासन और सरकारी दबाव का आरोप
इन सबके बावजूद, Rahul Gandhi कड़ी सुरक्षा के बीच हरिओम वाल्मीकि के घर पहुंचे और उनके परिवार से मुलाकात की। उन्होंने परिवार को सांत्वना दी और उन्हें हर संभव कानूनी और आर्थिक मदद दिलाने का आश्वासन दिया। राहुल गांधी ने जोर देकर कहा कि न्याय सुनिश्चित करने के लिए कांग्रेस पार्टी कोर्ट तक पीड़ित परिवार की मदद करेगी। इस दौरान, परिजनों ने अभी तक पुलिस की पकड़ से दूर चल रहे सभी आरोपियों की तत्काल गिरफ्तारी की मांग की।
मुलाकात के बाद, राहुल गांधी ने पुलिस-प्रशासन पर सरकार के दबाव में काम करने और उन्हें हरिओम वाल्मीकि के पिता से मिलने से रोकने की कोशिश करने का गंभीर आरोप लगाया।
प्रशासनिक कार्रवाई और अन्य मुलाकातों का संदर्भ
हरिओम वाल्मीकि की पीट-पीटकर हत्या चोर होने के शक में की गई थी। राहुल गांधी के पहुंचने से ठीक पहले, जिला प्रशासन ने मृतक की बहन को आउटसोर्सिंग नर्स की सरकारी नौकरी का पत्र सौंपा। यह कदम परिवार के बढ़ते असंतोष और राजनीतिक हस्तक्षेप को शांत करने की प्रशासनिक कवायद के तौर पर देखा गया।
फतेहपुर जाने से पहले, Rahul Gandhi कानपुर एयरपोर्ट पर रुके और वहां पहलगाम आतंकी हमले में मारे गए कानपुर के शुभम द्विवेदी के परिजनों का हाल पूछा। उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें बताया गया कि शुभम का परिवार पाक टीम के साथ क्रिकेट खेलने का विरोध कर रहा था। उन्होंने पार्टी के पूर्व अध्यक्ष अब्दुल मन्नान के बेटों से भी मुलाकात की। राहुल गांधी की यह यात्रा ऐसे समय में हुई है जब वह उत्तर प्रदेश में दलित उत्पीड़न और कानून-व्यवस्था के मुद्दे को मजबूती से उठाना चाहते हैं।