spot_img
Wednesday, September 10, 2025
-विज्ञापन-

More From Author

बिजली दरों को लेकर यूपी में टकराव, UPPCL की बढ़ोतरी मांग पर उपभोक्ताओं की आपत्ति, 45% कटौती का प्रस्ताव पेश

UP Electricity Rates: उत्तर प्रदेश में बिजली की दरों को लेकर बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। पावर कॉरपोरेशन (UPPCL) ने बिजली दरों में 30 प्रतिशत तक बढ़ोतरी का प्रस्ताव नियामक आयोग के सामने रखा है। इसके जवाब में राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद ने आयोग में जनता की ओर से बिजली दरों में 40 से 45 प्रतिशत की कटौती का प्रस्ताव दाखिल किया है। परिषद ने कॉरपोरेशन के आर्थिक तर्कों को नकारते हुए उन्हें भ्रामक बताया है और कंपनी के घाटे के दावे पर सवाल उठाए हैं।

परिषद UP का कहना है कि नोएडा पावर कंपनी पर उपभोक्ताओं का बकाया होने के चलते वहां लगातार तीन वर्षों से दरों में 10 प्रतिशत की कटौती की जा रही है। फिर यही नियम बाकी कंपनियों पर क्यों नहीं लागू किया गया? परिषद अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने बताया कि 2019 में जारी आदेश में आयोग ने स्वीकार किया था कि 2017-18 तक बिजली कंपनियों पर उपभोक्ताओं का 13,337 करोड़ रुपये बकाया है। यह राशि अब 12% सालाना ब्याज के साथ 35,000 करोड़ रुपये से अधिक हो चुकी है।

उपभोक्ता परिषद UP का आरोप है कि पावर कॉरपोरेशन इस बकाया को घाटा बताकर दरें बढ़ाना चाहता है, जबकि पूरे देश में उपभोक्ता बकाया को घाटा नहीं माना जाता क्योंकि यह राशि ब्याज सहित वसूली जाती है। परिषद ने यह भी कहा कि यदि कॉरपोरेशन यह रकम वसूलने में नाकाम है, तो यह प्रबंधन की विफलता है।

स्मार्ट प्रीपेड मीटर योजना में भी अनियमितता के आरोप लगाए गए हैं। परिषद के अनुसार, केंद्र सरकार ने इस योजना के लिए 18,885 करोड़ रुपये की मंजूरी दी थी, जबकि कॉरपोरेशन ने 27,342 करोड़ रुपये के टेंडर जारी किए। परिषद ने सवाल किया कि यह अतिरिक्त भार उपभोक्ताओं पर क्यों डाला जा रहा है?

इसके अलावा, कॉरपोरेशन में महंगे वेतन पर लेटरल एंट्री के जरिए की गई नियुक्तियों और बिजली खरीद की 54% फिक्स कॉस्ट को भी दरों में वृद्धि का कारण बताया गया है। वहीं, कॉरपोरेशन ने अपनी बैलेंस शीट को पूरी तरह पारदर्शी और सीएजी ऑडिटेड बताया है और किसी भी तरह की गड़बड़ी से इनकार किया है।

UP परिषद ने स्पष्ट किया कि सरकार ने चुनावी घोषणा में किसानों को मुफ्त बिजली और 100 यूनिट तक रियायती दर देने का वादा किया था, इसलिए इस बोझ की भरपाई उपभोक्ताओं से नहीं की जानी चाहिए।

Latest Posts

-विज्ञापन-

Latest Posts