Etah Dalit Conflict: उत्तर प्रदेश के एटा जिले के जलेसर थाना क्षेत्र के गांव जैनपुर में रविवार को तनावपूर्ण स्थिति उत्पन्न हो गई, जब दलित समाज के लोगों ने एक कलश यात्रा को रोक दिया। यह विवाद उस समय शुरू हुआ जब गांव में निकाली जा रही कलश यात्रा जाटव मोहल्ले से गुजर रही थी। दलित समाज के लोग इस यात्रा को आगे बढ़ने से रोकने पर अड़े रहे, जिसके कारण दोनों पक्षों के बीच कहासुनी और तनाव की स्थिति पैदा हो गई।
यह विवाद मुख्य रूप से इस बात को लेकर था कि दलित समाज को 16 अप्रैल को डॉ. भीमराव आंबेडकर की शोभायात्रा निकालने की अनुमति नहीं मिली थी, जबकि उसी मार्ग से होकर कलश यात्रा को गुजरने की इजाजत दी गई थी। इस असमानता के चलते दलित समाज में गहरा रोष था, जिसने कलश यात्रा को रोकने का निर्णय लिया।
सूचना मिलने पर पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंच गए। एसएचओ सुधीर कुमार सिंह और अन्य अधिकारी फोर्स के साथ स्थिति को नियंत्रित करने में जुट गए। उन्होंने दोनों पक्षों से बातचीत कर मामले को शांतिपूर्ण ढंग से सुलझाने की कोशिश की।
कलश यात्रा में शामिल महिलाएं और बच्चे अपने सिर पर कलश लेकर दो घंटे से अधिक समय तक धूप में खड़े रहे। प्रशासन की लगातार समझाइश के बाद दोनों पक्षों में कुछ हद तक सामंजस्य बना और यात्रा को आगे बढ़ने की अनुमति दी गई।
Etah एसओ जलेसर ज्ञानेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि कई घंटों की कड़ी मेहनत और बातचीत के बाद स्थिति नियंत्रण में लाई गई। उन्होंने कहा कि गांव में फिलहाल शांति बनी हुई है। मौके पर एसडीएम भावना विमल, नायब तहसीलदार वाजिद हुसैन और एलआईयू प्रभारी अशोक सारस्वत भी मौजूद थे और उन्होंने प्रशासनिक मदद दी।
यह घटना इस बात को दर्शाती है कि आंबेडकर शोभायात्रा की अनुमति न मिलने के कारण दलित समाज में भारी आक्रोश है, जो स्थानीय सामाजिक तनाव का कारण बन सकता है। प्रशासन की ओर से विवाद को बढ़ने से रोकने के लिए प्रभावी कदम उठाए गए, जिससे स्थिति काबू में रही।
गांव के दोनों पक्षों के बीच हुए इस विवाद ने एक बार फिर सामाजिक समरसता और धार्मिक आयोजनों के दौरान उचित व्यवस्था बनाए रखने की आवश्यकता को उजागर किया है। अधिकारियों ने इस बात पर जोर दिया कि सभी समुदायों के धार्मिक आयोजनों की अनुमति और सम्मान समान रूप से दी जानी चाहिए ताकि भविष्य में ऐसे विवादों से बचा जा सके।
कुल मिलाकर, Etah प्रशासन और Etah पुलिस की सक्रिय भूमिका की वजह से स्थिति जल्द ही शांत हो गई, लेकिन यह घटना इलाके में सामाजिक सौहार्द बनाए रखने की जरूरत को रेखांकित करती है।