UP poster war: उत्तर प्रदेश की सियासत में इन दिनों पोस्टरों की जंग ने नया रंग ले लिया है। कानपुर से उठे ‘आई लव मोहम्मद’ पोस्टर विवाद ने अब पूरे प्रदेश में राजनीतिक हलचल मचा दी है। बरेली में तनाव और लखनऊ में होर्डिंग्स ने इस मुद्दे को और तूल दे दिया है। पहले बीजेपी ने मोर्चा संभाला और फिर सपा व कांग्रेस ने अपने-अपने अंदाज़ में पलटवार कर पोस्टर वॉर को और भड़का दिया।
बीजेपी का जवाबी हमला
‘आई लव मोहम्मद’ पोस्टरों के विवाद के बाद बीजेपी युवा मोर्चा के नेताओं ने लखनऊ में जगह-जगह ‘आई लव योगी आदित्यनाथ’ और ‘आई लव बुलडोजर’ लिखे होर्डिंग्स लगा दिए। यह पोस्टर तुरंत वायरल हो गए और बीजेपी समर्थकों ने इसे धार्मिक भावनाओं की सुरक्षा से जोड़ा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी माहौल बिगाड़ने वालों पर सख्त कार्रवाई का निर्देश दिया।
सपा का पलटवार
UP बीजेपी के इस कदम का जवाब देने में समाजवादी पार्टी पीछे नहीं रही। सपा कार्यालय के बाहर रातों-रात बड़े-बड़े पोस्टर लगाए गए, जिनमें लिखा था—‘आई लव अखिलेश यादव’, ‘आई लव शिक्षा, विकास और रोजगार’। एक पोस्टर में संदेश दिया गया—‘आई लव सामाजिक सौहार्द, आई लव समाजवादी पार्टी और आई लव धरतीपुत्र के लाल श्री अखिलेश’। सपा नेताओं का कहना है कि उनका मकसद जनता तक सकारात्मक एजेंडा पहुंचाना है।
कांग्रेस की एंट्री
इस UP पोस्टर वॉर में कांग्रेस ने भी कदम रखा। यूपी कांग्रेस कमेटी के सदस्य अब्दुल्लाह शेरखान ने ‘आई लव कॉन्स्टिट्यूशन’ पोस्टर लगवाया, जिसमें राहुल गांधी संविधान की किताब थामे नज़र आ रहे हैं। साथ ही सोनिया गांधी, प्रियंका गांधी, मल्लिकार्जुन खड़गे और अजय राय की तस्वीरें भी शामिल की गईं। कांग्रेस ने इसे संवैधानिक मूल्यों और सामाजिक सौहार्द की रक्षा का प्रतीक बताया।
सियासत में नई बहस
जहां UP बीजेपी समर्थक इस विवाद को धार्मिक भावनाओं की रक्षा से जोड़ रहे हैं, वहीं सपा और कांग्रेस इसे शिक्षा, रोजगार और संविधान की रक्षा से जोड़कर जनता तक संदेश देने की कोशिश कर रहे हैं। कानपुर से शुरू हुआ यह मुद्दा अब लखनऊ और पूरे प्रदेश की राजनीति में गर्मी पैदा कर चुका है।
स्पष्ट है कि आने वाले दिनों में ‘आई लव’ पोस्टर जंग यूपी की सियासी बहस का केंद्र बनने वाली है।