Shamli Encounter: यूपी के शामली में एक दिन पहले ही एक साथ चार बदमाशों को ठोकने वाले एसटीएफ के जांबाज इंस्पेक्टर सुनील कुमार शहीद हो गए हैं। एनकाउंटर के दौरान इंस्पेक्टर को भी कई गोलियां लगी थीं। गंभीर रूप से घायल इंस्पेक्टर को गुरुग्राम के मेदांता में भर्ती कराया गया था। जहां बुधवार की दोपहर उनकी सांसें थम गईं। सुनील को पेट में तीन गोलियां लगी थीं। इससे उनकी बड़ी आंत बुरी तरह से डैमेज हो गई थी। इंस्पेक्टर ने ही सबसे पहले बदमाशों को देखने के बाद अपने एके-47 से उन पर गोलियां चलाई थीं।
1990 में सुनील कुमार हुए थे भर्ती
साल 1990 में वह कांस्टेबल के पद पर भर्ती हुए थे। इसके बाद उन्होंने 1997 में हरियाणा में कमांडो कोर्स किया। 2009 में उन्हें एसटीएफ में शामिल किया गया। इसके बाद उन्होंने डकैतों और अपराधियों को ढेर किया। 13 मार्च 2008 को फतेहपुर में हुई मुठभेड़ में ओमप्रकाश उर्फ उमर केवट मारा गया था। 2008 में वह पांच लाख रुपये के इनामी अंबिका पटेल उर्फ ठोकिया के एनकाउंटर में भी शामिल थे। 2012-13 में वह डॉन सुशील मूंछ, बदन सिंह बद्दो और भूपेंद्र बाफर की गिरफ्तारी के ऑपरेशन में भी शामिल थे।
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गौरतलब है कि सोमवार देर रात शामली के झिंझाना में एसटीएफ की चार बदमाशों से मुठभेड़ हो गई थी। आमने-सामने की फायरिंग में एक लाख रुपये के इनामी बदमाश अरशद समेत चार बदमाश मुठभेड़ में मारे गए थे। फायरिंग में एसटीएफ के इंस्पेक्टर सुनील कुमार को भी गोली लगी थी। गंभीर रूप से घायल इंस्पेक्टर को मेदांता अस्पताल में भर्ती कराया गया।
बदमाशों के शामली पहुंचने की मिली थी सूचना
बता दें कि, STF को एक लाख रुपये के इनामी मुस्तफा उर्फ कग्गा गैंग के सरगना अरशद और उसके साथियों के साथ सोमवार देर रात शामली पहुंचने की सूचना मिली थी। इसके बाद एसटीएफ की मेरठ यूनिट ने घेराबंदी की जिसके देर रात करीब साढ़े 11 बजे शामली के झिंझाना में एसटीएफ ने बिडोली-चौसाना चौराहे के पास हरियाणा की ओर संदिग्ध ब्रेजा कार को घेर लिया। कार सवार बदमाशों ने एसटीएफ टीम पर फायरिंग कर दी। एसटीएफ टीम ने भी जवाबी फायरिंग की। फायरिंग में एसटीएफ इंस्पेक्टर सुनील कुमार को गोली लग गई और वह गंभीर रूप से घायल हो गए।
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