Yogi Adityanath: उत्तर प्रदेश में पिछले कुछ दिनों में अचानक आए तूफान, बारिश, ओलावृष्टि और बिजली गिरने से एक बार फिर यह साफ हो गया है कि अब मौसम पहले जैसा नहीं रहा। जेठ के महीने में जिस तरह की बारिश और बिजली गिरने की घटनाएं हुईं, उसने कई लोगों की जान ले ली और बड़ी संख्या में घरों और फसलों को भी नुकसान पहुंचाया।
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, राज्य में इन आपदाओं में करीब तीन दर्जन लोगों की जान चली गई। ये घटनाएं मानसून आने से पहले हुई थीं। ऐसे में योगी सरकार अब ऐसी आपदाओं से होने वाले नुकसान को कम करने के लिए पूरी तरह गंभीर है। सरकार की कोशिश है कि लोगों को समय रहते आगाह किया जाए, ताकि लोगों की जान बचाई जा सके। साथ ही अगर किसी को नुकसान हुआ है तो उसे तत्काल आर्थिक और भावनात्मक सहायता भी दी जाए। यही वजह है कि अब योगी सरकार राज्य में ‘लाइटनिंग सेफ्टी प्रोग्राम’ लागू कर रही है, ताकि लोगों को बिजली गिरने से पहले अलर्ट मिल सके।
क्या है लाइटनिंग सेफ्टी प्रोग्राम?
दरअसल, लाइटनिंग सेफ्टी प्रोग्राम आधुनिक तकनीक पर आधारित एक सिस्टम है, जो बिजली गिरने से करीब 30 मिनट पहले इलाके को आगाह कर सकता है। इसके तहत TOA (Time of Arrival) तकनीक आधारित उपकरण लगाए जा रहे हैं। इससे किसी भी क्षेत्र में बिजली गिरने की सही जगह और समय का अनुमान लगाने में मदद मिलेगी। इसके साथ ही राज्य के जिला आपदा प्रबंधन केंद्रों को मजबूत किया जा रहा है, ताकि आपदा के समय त्वरित राहत पहुंचाई जा सके। सरकार गांवों में जागरूकता फैलाने में लगी हुई है। स्कूलों, पंचायतों और सार्वजनिक स्थानों पर लोगों को बताया जा रहा है कि बिजली गिरने से कैसे बचें।
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बिजली गिरने की आशंका होने पर क्या करें?
मौसम विभाग और आपदा प्रबंधन विभाग ने जनता के लिए जरूरी दिशा-निर्देश भी जारी किए हैं। बिजली गिरने की आशंका होने पर पेड़, मोबाइल टावर, बिजली के खंभे या जल स्रोतों के पास न जाएं। खुले मैदान में हों तो घुटनों के बल बैठें, कान बंद करें और पैरों को एक-दूसरे से सटाकर रखें। घर में हों तो लोहे के दरवाजे, खिड़कियां और हैंडपंप से दूर रहें। मोबाइल में ‘दामिनी’ या ‘सचेत’ एप डाउनलोड करें, ताकि बिजली गिरने की पहले से चेतावनी मिल सके। आपदा की स्थिति में कंट्रोल रूम नंबर पर संपर्क करें।
जलवायु परिवर्तन से बढ़ा खतरा
बता दें कि, पिछले कुछ दशकों में ग्लोबल वार्मिंग और जलवायु परिवर्तन के कारण मौसम में तेजी से बदलाव आया है। अब मानसून के अलावा गर्मी और सर्दी में आंधी, बारिश और बिजली गिरने जैसी घटनाएं आम हो गई हैं। इसका सीधा असर गरीब और ग्रामीण लोगों पर पड़ता है, जो खुले में रहते हैं या खेतों में काम करते हैं।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाल ही में राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (SDMA) को हर जिले में आधुनिक चेतावनी प्रणाली और तत्काल राहत दल तैयार करने का निर्देश दिया है। उम्मीद है कि इस कदम से भविष्य में ऐसी प्राकृतिक आपदाओं से होने वाले जान-माल के नुकसान को काफी हद तक रोका जा सकेगा। योगी सरकार का उद्देश्य साफ है कि हर नागरिक सुरक्षित रहे, हर नुकसान की भरपाई हो।
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