Asim Arun news: उत्तर प्रदेश सरकार के समाज कल्याण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) असीम अरुण ने वाराणसी दौरे के दौरान अनुशासन और कानून का सख्ती से पालन करते हुए एक मिसाल पेश की। जब उन्हें प्रोटोकॉल के तहत नीली बत्ती लगी गाड़ी उपलब्ध कराई गई, तो उन्होंने तुरंत इस पर आपत्ति जताई और उस गाड़ी में बैठने से साफ इनकार कर दिया। असीम अरुण का मानना था कि बिना अधिकृत अनुमति के नीली बत्ती का इस्तेमाल नियमों का उल्लंघन है और वे ऐसे किसी भी नियम तोड़ने वाले कार्य में शामिल नहीं हो सकते।
Asim Arun ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए वाराणसी के पुलिस कमिश्नर मोहित अग्रवाल को एक पत्र लिखा। उन्होंने अपने पत्र में साफ तौर पर बताया कि 30 जून को वाराणसी आगमन के समय उनके लिए जो गाड़ी उपलब्ध कराई गई, उस पर बिना किसी वैध अनुमति के नीली बत्ती लगी थी। मंत्री ने कहा कि नियमों के अनुसार इस गाड़ी का तत्काल चालान किया जाना चाहिए। उन्होंने अपने पत्र के साथ उस गाड़ी की पूरी जानकारी और उसकी तस्वीर भी भेजी ताकि उचित कार्रवाई हो सके। मंत्री का यह कदम उनके नियमों के प्रति सख्त रुख और ईमानदार छवि को और मजबूत करता है।
पूर्व आईपीएस अधिकारी Asim Arun हमेशा से अनुशासन और पारदर्शिता के लिए जाने जाते रहे हैं। मंत्री बनने के बाद भी उन्होंने बार-बार यह साबित किया है कि वे कानून को सबसे ऊपर मानते हैं और खुद भी उसी का पालन करते हैं। कई बार देखा गया है कि नेता अपने पद का दुरुपयोग करते हैं लेकिन असीम अरुण ने एक बार फिर दिखा दिया कि नियम सभी के लिए बराबर हैं।
Asim Arun वाराणसी में सामाजिक कार्यकर्ता नरेंद्र कुमार शास्त्री की 94वीं जयंती पर आयोजित कार्यक्रम में भाग लेने पहुंचे थे। इस अवसर पर कबीर इंटर कॉलेज मैदान में अनुसूचित जाति एवं जनजाति स्वाभिमान सम्मेलन का आयोजन किया गया था, जिसमें उन्होंने समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारी और सामाजिक upliftment पर जोर दिया। कार्यक्रम के बाद उन्होंने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय में भी एक बैठक में हिस्सा लिया।
असीम अरुण के इस फैसले की पूरे प्रदेश में जमकर सराहना हो रही है। उनके इस सख्त और ईमानदार रुख ने एक बार फिर यह साबित कर दिया कि वे केवल मंत्री नहीं, बल्कि एक जिम्मेदार और आदर्श नागरिक भी हैं।